महादेव स्थान में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग की हुई पूजा।
महादेव स्थान में सवा लाख पार्थिव शिवलिंग की हुई पूजा।(Mokama Online)
बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा के प्राचीन महादेव स्थान में कल महाशिवरात्रि के अवसर पर सवा लाख पार्थिव शिवलिंग का हुआ पूजन।मिट्टी से बने सवा लाख शिवलिंग की पूजा-अर्चना में सैकड़ों शिव भक्त जुड़े हुए थे।मान्यता है कि इस पूजा से सभी संकट, अनिष्ट दूर होकर ये जीवन में सुख-शांति, वैभव, सौभाग्य साथ ही मानव धर्म के चार फलों, अर्थ, धर्म, काम, मोक्ष आदि की प्राप्ति होती है।( sva lakh Parthiv Shivling)
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महाशिवरात्रि के अवसर पर एक लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंग का पूजन व अभिषेक किया गया ।(Mokama Online)
विश्व की मंगल कामना को लेकर मोकामा के महादेव स्थान में कल महाशिवरात्रि के अवसर पर एक लाख 25 हजार पार्थिव शिवलिंग का पूजन व अभिषेक किया गया ।शिक्षक मिथलेश कुमार ने बताया कि शिवपुराण में पार्थिव शिवलिंग का विशेष महत्व बताया गया है।महाशिवरात्रि में पार्थिव शिवलिंग के पूजन का विशेष महत्व है। पार्थिव शिवलिंग अंगुष्ठ आकार का या इससे अधिक 12 इंच तक आकार का बनाया जा सकता है। महादेव स्थान में शुद्ध मिट्टी में वंश लोचन, चावल का चूर्ण, यज्ञीय भस्म, देशी गाय का गोबर व घी मिलाकर पार्थिव शिवलिंग बनाकर उनका पूजन किया जाता है।(sva lakh Parthiv Shivling)

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महाशिवरात्रि में पार्थिव शिवलिंग के पूजन का विशेष महत्व है।(Mokama Online)
बाद में इन शिवलिगों को विधिवत पुजा अर्चना कर उस शिवलिंग को गंगा नदी में प्रवहित करेंगे, ताकि पर्यावरण (Eco Friendly Environment) को भी नुकसान ना हो।(sva lakh Parthiv Shivling)
प्रभु राम ने रामेश्वर (Rameshwar Temple) में पार्थिव शिवलिंग स्थापित कर लंका पर विजय की कामना के लिए किया था।(Mokama Online)
पार्थिव शिवलिंग का क्या महत्व है इस पर पंडित बैकुंठ झा कहते हैं कि पार्थिव शिवलिंग का निर्माण मां पार्वती ने भगवान शिव को खुश करने के लिए किया। वहीं, प्रभु राम ने रामेश्वर (Rameshwar Temple) में पार्थिव शिवलिंग स्थापित कर लंका पर विजय की कामना के लिए किया था। महाशिवरात्रि में पार्थिव शिवलिंग का पूजन करने से सभी प्रकार के कष्ट दूर होते हैं।

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