पटना/नई दिल्ली/ मोकामा। लोक जनशक्ति पार्टी में मचे घमासान के बीच मंगलवार को पशुपति पारस गुट ने चिराग पासवान को एक और झटका दिया है। लोजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में सूरजभान सिंह को लोजपा का कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया है। यानी अब लोजपा के बैठकों की अध्यक्षता सूरजभान करेंगे। सूत्रों की माने तो पांच दिन के भीतर पटना में लोजपा के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा। एक-दो दिन में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होने की संभावना है। उसी बैठक में लोजपा के भविष्य और पार्टी के नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन पर बात होगी । गौरतलब है कि लोजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बिहार की 6 संसदीय सीटों पर जीत हासिल किया था। हालांकि बदले राजनीतिक घटनाक्रम में अब पांच सांसद चिराग पासवान का साथ छोड़कर अलग हो गए हैं और लोजपा के संगठन पर दावा कर रहे हैं।इसी क्रम में संसदीय दल के नेता के बाद अब चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के पद से भी हटाया दिया गया है।
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सूरजभान सिंह लोजपा के स्थापना काल से ही पार्टी से जुड़े रहे हैं। वे वर्ष 2000 में मोकामा विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय विधायक बने थे। बाद में 2004 लोकसभा चुनाव में सूरजभान ने बलिया संसदीय क्षेत्र से चुनाव जीता। हालांकि 2009 लोकसभा चुनाव में उनकी पत्नी वीणा देवी नवादा से चुनाव हार गई थी। लेकिन 2014 में वीणा देवी ने मुंगेर और 2019 में सूरजभान के भाई चंदन सिंह नवादा से जीते। लोजपा में जब तक रामविलास पासवान जीवित रहे पार्टी में उनके बाद सूरजभान सिंह ही नम्बर दो बने रहे। हालांकि अब स्थितियां बदल गई है और चिराग के साथ सूरजभान का वैसा सम्बंध नहीं रह गया जैसा उनके पिता के साथ था।
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