social worker बिहार ।पटना ।नवादा ।बिहार झारखंड के बॉर्डर पर सप्त पहाड़ी श्रृंखला के पूर्वी भाग में जो पहाड़ अवस्थित है उस पर लोमस और याज्ञवल्क्य ऋषि की तपोस्थली होने का प्रमाण है। जहां सावन पूर्णिमा बसंत पंचमी जैसे महत्वपूर्ण पर्व त्योहारों पर मेला लगता आया है ।परंतु 2010 में तत्कालीन सीओ ने गलत रिपोर्ट पेश कर इस पहाड़ को खनन के लिए प्राइवेट कंपनियों को लीज पर दे दिया।प्राइवेट कंपनियों ने इस पहाड़ को पूरी तरह से खोदना आरंभ कर दिया। दोनों ऋषियों के आश्रम का अस्तित्व बचना भी मुश्किल लग रहा था लेकिन हाईकोर्ट पटना ने पहाड़ के खनन पर रोक लगा दी है।जिससे इस धार्मिक और पौराणिक स्थल को अवैध खनन से बचाया जा सके। तत्कालीन अंचलाधिकारी की 26 अगस्त 2010 की रिपोर्ट में जिक्र है कि रजौली में सप्त पहाड़ी श्रृंखला पर 500 मीटर की दूरी तक कोई राष्ट्रीय और पुरातात्विक महत्व के स्थल नहीं है, ना ही यहां कोई शैक्षणिक धार्मिक और मानव बसावट का सबूत है ।पटना हाई कोर्ट में दिए गए दलील में सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार ने सभी दस्तावेज प्रस्तुत किए जिसमें न सिर्फ लोमस और या याज्ञवल्क्य कृषि की तपोस्थली होने का जिक्र है वरन यहां पर बसंत पंचमी सावन पूर्णिमा जैसे महत्वपूर्ण पर्व त्योहारों पर मेला लगने का प्रमाण है। पहाड़ के समीप ही एक प्राइमरी स्कूल अवस्थित है ।उन्होंने आश्रम होने का जिक्र किया और प्रमाण प्रस्तुत किया।
अंचलाधिकारी के रिपोर्ट के ठीक विपरीत 1 मई 2019 को जिलाधिकारी ने पर्यटन विभाग को लिखा था कि इलाके में कई धार्मिक और ऐतिहासिक स्थल हैं जिन्हें बचाना जरूरी है ।रजौरी के एसडीओ चंद्रशेखर आजाद ने भी एक रिपोर्ट पेश किया जिसमें जिक्र है कि हरदिया में श्रृंगी ऋषि और गौतम ऋषि, चित्रकोली पंचायत के गढ़ में दीबौर में दुर्वासा ऋषि, रजौली पश्चिमी पंचायत स्थित समसपुर में लोमस ऋषि और याज्ञवल्क्य ऋषि का आश्रम है। 1871 में यन्हा पुजारी नियुक्त किए जाने का भी प्रमाण है। 1906 के गजटेरियर में भी कई ऐतिहासिक स्थलों का जिक्र है ।सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार सिंह ने लंबी लड़ाई लड़ी जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने तत्काल खनन पर रोक लगा दी है ।सरकारी पक्ष की दलील सुना जाना अभी बाकी है ।सरकारी कार्यकर्ता विनय सिंह ने आरोप लगाया कि अंचलाधिकारी के रिपोर्ट के अलावा अभ्यारण क्षेत्र के 10 किलोमीटर परिधि में खनन का पट्टा नहीं दिया जा सकता। एडीएम उज्जवल कुमार ने बताया कि पटना हाई कोर्ट के निर्देश पर खनन पर तत्काल रोक लगा दी गई है। social worker

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