नहीं रहे शंकर डालमिया, 90 वर्ष की उम्र में ली आखरी सांस।

नहीं रहे शंकर डालमिया, 90 वर्ष की उम्र में ली आखरी सांस।(Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

बिहार।पटना।मोकामा।मोकामा को व्यापार सिखाने वाले गौरी शंकर डालमिया का कल 17 अगस्त को निधन हो गया। वह 90 वर्ष के थे। मोकामा उन्हें शंकर डालमिया के नाम से ही जानता है। निधन के पहले तक वह 90 वर्ष की आयु में रोजाना अपने दुकान पर जाते थे। श्याम मार्केट में हार्डवेयर की उनकी दुकान 60 साल से भी ज्यादा पुरानी है।(Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

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Shankar Dalmiya is no more life insurance policy
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इनलोगों कई ऐसे उद्योग स्थापित किये जँहा सेकड़ो लोगों को रोजगार मिलता था।(Mokama Online)

शंकर डालमिया के निधन से एक युग का अवसान हो गया।खेतान जी, शंकर डालमिया जैसे लोगों ने मोकामा को व्यापार के क्षेत्र में बिहार का सिरमौर बनाया था।इनलोगों ने मोकामा को सजाने सवारने का कार्य किया। इनलोगों ने कई ऐसे उद्योग स्थापित किये जँहा सेकड़ो लोगों को रोजगार मिलता था।(Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

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इनलोगों के बदौलत ही मोकामा और मुजफ्फरपुर बिहार के सबसे बड़े व्यापार केंद्र बने।(Mokama Online)

खेतान की का सुप्रसिद्ध मिल इनमें से एक था जँहा सेकड़ो लोग कार्य करते थे। बाद में शंकर डालमिया ने अलग व्यपार स्थापित किया जँहा यह जीवन पर्यन्त काम करते रहे।इन्होंने कई लोगों को व्यपार के गुड़ सिखाये। इनलोगों के बदौलत ही मोकामा और मुजफ्फरपुर बिहार के सबसे बड़े व्यापार केंद्र बने।(Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

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जिसने मोकामा को व्यपार केंद्र बनाने के लिए अपना खून पसीना एक कर दिया हो वो भला उसे कैसे छोड़ता।(Mokama Online)

कालांतर में जब मोकामा में अपराध हावी होने लगा तो मोकामा के छोटे बड़े व्यापारी मोकामा से पलायन करने लगे।अपने व्यपारी भाइयों को मोकामा से जाते देख इन्हें बहुत दुख हूआ ।साथियों ने इन्हें भी मोकामा छोड़ने की सलाह दी। पर जिसने मोकामा को व्यपार केंद्र बनाने के लिए अपना खून पसीना एक कर दिया हो वो भला उसे कैसे छोड़ता।(Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

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शंकर डालमिया जीवन भर मोकामा में रहकर लोगों के सुख दुख का हिस्सा बनते रहे।(Mokama Online)

शंकर डालमिया जीवन भर मोकामा में रहकर लोगों के सुख दुख का हिस्सा बनते रहे।आज उनके निधन से मोकामा को एक अपूरणीय क्षति हुई है।उनके निधन की सुनकर कई व्यपारी उनके अंतिम दर्शन को पहुँचे। युवा सामाजिक कार्यकर्ता नीलेश कुमार माधव ने कहा कि वह मोकामा व्यपारी संघ के सबसे बुजुर्ग सदस्य थे। उनके निधन से एक युग का अंत हो गया। वह लौह पुरुष थे। ।मोकामा के उस आपराधिक कालखंड में जब बहुत सारे व्यपारी मोकामा से पलायन कर गए वह यंही जमे रहे।मोकामा ऑनलाइन मोकामा व्यापर संघ के शंकर डालमिया जी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। ईश्वर इनके परिजनों को इस दुःख को सहने की शक्ति दें। (Shankar Dalmiya is no more life insurance policy)

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