सीआरपीएफ कोबरा के बटालियन 205 के सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत थे रौशन जब गया-औरंगाबाद की सीमा पचरुखिया जंगल में हुए विस्फोट में उनकी मौत हो गयी.2016 में उन्होंने कोबरा में सब-इंस्पेक्टर के पद पर ज्वाइन किया था .2 साल की नौकरी के बाद ही देश के लिए अपनी जान दे दी .देश की रक्षा के लिए अपना सर्वोच्च न्योछावर करने के बाद आज उसके परिवार को सरकार से उम्मीद है मगर कब सरकार देगी रौशन के शहादत को सम्मान कहना मुश्किल है.उनकी शहादत पर बड़े बड़े नेता इनके घर पर आकर बड़े बड़े वादे कर गये पर शायद निभाने भूल गये.तभी तो घर का एकलौता चिराग बुझ जाने पर घर की क्या हालत है कोई पूछने वाला नहीं.
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एक शहीद की माँ ने बड़ी उम्मीद से सूबे के मुख्यमंत्री को ये पत्र लिखा है.अपनी बिटिया के उज्ज्वल भविष्य के लिए गुहार लगाई है.पहले भी एक बार खत लिख चुकी है शहीद की माँ पर अबतक मुख्यमंत्री कार्यालय से कोई जबाब नहीं आया है.अब क्षेत्र के नेताओं और समाजसेवियों से उम्मीद करते है की इस माँ को उसका हक़ मिले .बिहार सरकार ने तमाम तरह के वादे किये ,पर पूरा कब होगा कहना मुश्किल.घर का जब कमाने वाला सदस्य देश के लिए जान दे तो गर्व तो होता है पर अब घर कैसे चले .बहन की शादी के लिए कैसे कैसे सपने सजा रखे थे शहीद रौशन ने ,न जाने क्या होगा उसके सपने का .
शहीद रौशन भारद्वाज के अंतिम संस्कार का विडियो