दिनकर की अमर कृति संस्कृति के चार अध्याय का हुआ उर्दू में अनुवाद।

रामधारी सिंह दिनकर की हिंदी में लिखी उनकी अमर कृति ‘संस्कृति के चार अध्याय ‘ का उर्दू में अनुवाद किया गया है। 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के मौके पर खुदाबक्श लाइब्रेरी,पटना की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने बताया कि हिंदी भाषा का अपना एक सुनहरा इतिहास रहा है। इस भाषा में ऐसी ऐसी किताबें लिखी गई हैं जिनका मानस मन पर बड़ा गहरा प्रभाव रहा है।अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने बाली भाषा बन चुकी है।हिंदी के विकास के लिए और भी यथासंभव कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।

-विज्ञापन-

Mokama ,मोकामा

विज्ञापन के लिए संपर्क करें : 9990436770,9743484858

हिंदी भाषा को और अधिक प्रचार प्रसार की जरूरत है।इसी क्रम में हमलोगों ने हिंदी की अहम पुस्तकों को उर्दू में और उर्दू की अहम पुस्तकों को हिंदी में प्रकाशित करने का निर्णय लिया है।उन्होंने बताया कि इसी क्रम में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की पुस्तक ‘संस्कृति के चार अध्याय’ का उर्दू में अनुवाद करवाया है जबकि शाद अजीमाबादी की पुस्तक ‘नक्शे पायदार’ का हिंदी में अनुवाद कराया जा रहा है।इसी क्रम में कई महान लेखकों की पुस्तकों को अनुवादित किया जाएगा।डॉ शाहिद जमील ने कहा कि हम सभी को ऐसी भाषा का प्रयोग करना चाहिए जो गंगा जमुना तहजीब को आगे बढ़ा सकें।

टिप्पणियाँ बंद हो जाती हैं, लेकिन Trackbacks और Pingbacks खुले हैं।

error: Content is protected !!