रामधारी सिंह दिनकर की हिंदी में लिखी उनकी अमर कृति ‘संस्कृति के चार अध्याय ‘ का उर्दू में अनुवाद किया गया है। 14 सितम्बर को हिंदी दिवस के मौके पर खुदाबक्श लाइब्रेरी,पटना की निदेशक डॉ शाइस्ता बेदार ने बताया कि हिंदी भाषा का अपना एक सुनहरा इतिहास रहा है। इस भाषा में ऐसी ऐसी किताबें लिखी गई हैं जिनका मानस मन पर बड़ा गहरा प्रभाव रहा है।अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिंदी दुनिया में सबसे ज्यादा बोली जाने बाली भाषा बन चुकी है।हिंदी के विकास के लिए और भी यथासंभव कदम उठाए जाने की आवश्यकता है।
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