सड़ांध मारती शिक्षा व्यवस्था बिना पुस्तक की पाठशाला, कभी बुद्ध और महावीर को यँही मिला था ज्ञान।

सड़ांध मारती शिक्षा व्यवस्था बिना पुस्तक की पाठशाला ,कभी बुद्ध और महावीर को यँही मिला था ज्ञान। ( Rotting education system school without book Mokama Online News)

बिहार।पटना।मोकामा।बिहार की शिक्षा व्यवस्था का स्तर कितना गिर चुका है उसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि गर्मी की छुट्टी शुरू हो रही है और बच्चों को अभी तक उनके पाठ्यक्रम की पुस्तकें नहीं दी गई है।एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकारी विद्यालयों में आधारभूत ढांचे को मजबूत करने का दावा कर रहे हैं। शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाये जाने की बात हो रही है। दावा है कि सरकारी विद्यालयों में पठन पाठन का स्तर बढ़ा है। वंही दूसरी ओर अबतक सभी बच्चों तक सरकारी किताबे तक नहीं पहुँच पाई है । शिक्षक किसी तरह पुरानी पुस्तकें ढूंढ कर उसी से बच्चों को पढा रहे हैं।एक या दो पुरानी किताबों से पूरी कक्षा की पढ़ाई की जा रही है। (Rotting education system school without book Mokama Online News)

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Rotting education system school without book Mokama Online News
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बिहार का भविष्य कितना अंधकारमय होगा यह सोचने का विषय है। (Mokama Online)

अब बिहार का भविष्य कितना अंधकारमय होगा यह सोचने का विषय है।बिहार के बच्चे क्या पढ़ें और कैसे पढ़ें यह सरकार पर गंभीर सवाल है।एक अप्रैल से ही नया शैक्षिणिक सत्र शुरू हो गया और मई भी समाप्ति की ओर है।दूसरी ओर विभाग बच्चों की प्रगति देखने के लिए सितम्बर में अर्धवार्षिक परीक्षा की तैयारी में जुट चुका है।बिना पुस्तक की होने वाली पढ़ाई से बच्चे क्या सीखेंगे और परीक्षा में क्या लिखेंगे यह एक आम आदमी भी आसानी से समझ सकता है। (Rotting education system school without book Mokama Online News)

उच्च अधिकारियों से आग्रह करने पर भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। (Mokama Online)

नाम नहीं छापने की शर्त पर सरकारी विद्यालय में पदस्थापित एक शिक्षक बताते हैं कि बार बार उच्च अधिकारियों से आग्रह करने पर भी पुस्तकें उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।शिक्षकों के साथ साथ अभिभावक भी अपने बच्चों के भविष्य को लेकर चिंतित हैं।उनका कहना है कि जब बुनियादी शिक्षा व्यवस्था ही ध्वस्त हो गया है तो बिहार का भविष्य कैसा होगा? (Rotting education system school without book Mokama Online News)

सरकारी विद्यालय के सिर्फ पहली,चौथी और आठवीं की पुस्तकें ही उपलब्ध कराई गई हैं।(Mokama Online)

वरीय अधिकारियों का कहना है कि जो पुस्तकें आ चुकी है उसे छात्रों को दिया जा रहा है।जल्द ही सभी छात्रों को पुस्तकें उपलब्ध करवा दी जाएगी।अभी सरकारी विद्यालय के सिर्फ पहली,चौथी और आठवीं की पुस्तकें ही उपलब्ध कराई गई हैं। (Rotting education system school without book Mokama Online News)

पिछले साल तक बिहार के सभी विद्यालयों में किताब, पोशाक और बैग के लिए बच्चों के बैंक खाते में राशि भेजी जाती थी।(Mokama Online)

ज्ञात हो कि पिछले साल तक बिहार के सभी विद्यालयों में किताब, पोशाक और बैग के लिए बच्चों के बैंक खाते में राशि भेजी जाती थी। पर सरकार को लगातार शिकायत मिलती रही कि राशि खाते में आने के वावजूद बच्चे बिना किताब के स्कूल आ रहे थे।अधिकारियों ने जांच की तो पता चला कि राशि तो भेज दी जाती थी परंतु किताबें नहीं खरीदी जाती थी।उस रुपये का इस्तेमाल किसी और कार्य में होता था।इसी कारण बिहार सरकार ने यह निर्णय लिया कि बच्चों को किताब के पैसे देने के बदले सीधे किताबें ही दे दी जाय। (Rotting education system school without book Mokama Online News)

बच्चों को किताबें देने के किये 17 अप्रैल 2023 तक का लक्ष्य रखा गया था।(Mokama Online)

बच्चों को किताबें देने के किये 17 अप्रैल 2023 तक का लक्ष्य रखा गया था।इसके लिए कोशिश भी की गई परन्तु आज के दिन तक यह लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया।शिक्षा विभाग के तय नियमों के अनुसार अप्रैल 2023 के सत्र शुरू होने से पहले सभी बच्चों के पास किताबें होनी चाहिए।अब देखना होगा कि बुद्ध की धरती बुधुओं की धरती बनकर न रह जाय। (Rotting education system school without book Mokama Online News)

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