बिहार।पटना।मोकामा।बिहार शरीफ।सरकारी गोदामों में चावल जमा करने के लिए शनिवार 31 जुलाई आखिरी दिन था। आखिरी तिथि होने के कारण पैक्सों व व्यापार मंडलों द्वारा चावल जमा करने के लिए दिन भर होड़ मचती रही। मोकामा के एफसीआई स्थित रैक स्थल व एसएफसी के गोदामों में देर रात 12 बजे तक चावल जमा करवाने का सिलसिला चलता रहा। मोकामा स्तिथ गोदामों में देर रात तक चावल जमा करवाने में कोई परेशानी न हो इसके लिए मॉनिटरिंग जिला सहकारिता पदाधिकारी श्री सत्येंद्र प्रसाद, डीएसओ श्री प्रमोद कुमार व डीएमएफसी प्रभारी श्री गोपाल प्रसाद करते हुए नज़र आये।
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मगर तमाम कोशिशों के बाद भी शनिवार की शाम तक 4122 टन चावल ही जमा लिया जाना शेष था। आखिरी दिन समाप्त होने के बाद सरकारी चावल शेष रहने के आसार हैं। इस स्तिथी में कई पैक्स व व्यापार मंडल डिफॉल्टर घोषित हो सकते हैं।इन व्यापार मंडलों और पैक्स पर एफआईआर होना लगभग तय है। डीएसओ श्री प्रमोद कुमार ने बताया कि इस साल जिला प्रशासन द्वारा 4.50 लाख किसानों से दो लाख 70 हजार टन धान खरीद की गयी थी। इसके एवज में एक लाख 80 हजार टन चावल जमा लिया जाना है।
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इस बार 15 जुलाई तक ही चावल जमा करने की तिथि निर्धारित थी। परन्तु महामारी कोरोना और उसके वजह से लॉकडाउन को देखते हुए समयाविधि 31 जुलाई तक बढ़ा दिया गया था। समय सीमा बढ़ने के बाद भी निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप चावल जमा नहीं हो पाया है। पैक्स अध्यक्ष बार बार जिला प्रशासन पर गोदाम खाली नहीं होने व बोरा उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगाते रहे हैं। जबकि सच्चाई है कि जिला प्रशासन द्वारा खाली गोदामों की व्यवस्था होने के बाबजूद पैक्सों द्वारा चावल जमा करने में दिलचस्पी नहीं दिखायी गयी। अंतिम दिन छपने कारण मोकामा स्थित गोदाम के पास 500 से ज्यादा ट्रकों पर चावल लोड कर जमा कराने की होड़ मची रही। शनिवार शाम 5 बजे तक 109 ट्रकों से चावल अनलोड किया जाना शेष था।
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