राजनीतिक शुचिता के पर्याय रहे रघुवंश बाबू ने ली अंतिम सांस

राजनीतिक शुचिता के पर्याय रहे रघुवंश बाबू ने ली अंतिम सांस

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद का रविवार को नई दिल्ली में निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे और दिल्ली के एम्स में उपचाररत थे।

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उन्होंने चार दशकों से ज्यादा के सार्वजनिक जीवन है बिहार और केंद्र की सरकार में कई अहम पदों पर जिम्मेदारियां निभाई। विशेषकर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में ग्रामीण विकास मंत्री रहते हुए उन्होंने भारत में ग्रामीण सड़क परियोजनाओं और ग्रामीण विकास से संबंधित योजनाओं के क्षेत्र में एक अमिट छाप छोड़ी।

हालांकि पिछले कुछ दिनों से राष्ट्रीय जनता दल में बिहार के वैशाली क्षेत्र के बाहुबली रामा सिंह को शामिल किए जाने की अटकलों के बाद रघुवंश प्रसाद पार्टी से नाराज चल रहे थे। इसी कारण 2 दिन पूर्व उन्होंने राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव को एक पत्र लिखकर कहा था 32 वर्षों तक आपका साथ लेकिन अब नहीं मुझे क्षमा कीजिए। माना गया उनका इस्तीफा पत्र था।

लालू प्रसाद यादव ने अपने ही अंदाज में पत्र के माध्यम से देते हुए कहा था रघुवंश बाबू पिछले 40 वर्षों से हमारे साथ सिर्फ राजनीतिक बल्कि पारिवारिक मामलों में भी मिल बैठकर बात की है फिर से आपको अपने बीच देखना चाहते है। आप जल्द स्वस्थ हो और हमारे साथ हैं। उन्होंने निराले अंदाज में लिखा था आप कहीं नहीं जा रहे हैं। समझ लीजिए।

इस पत्र के दो दिन बाद ही रघुवंश बाबू ने अंतिम सांस ली। उनके निधन पर लालू प्रसाद यादव सहित बिहार और देश के कई वरिष्ठ नेताओं ने शोक व्यक्त किया है। राजनीति में उनकी साफगोई के लिए उन्हें हर कोई याद कर रहा है।

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