98 साल में एमए करने वाले राजकुमार जी का 101 साल में निधन
पटना। 98 साल की उम्र में एमए करके अपनी पहचान बनाने वाले राजकुमार जी का निधन हो गया। वे 101 साल के थे। कहते हैं कि अगर कुछ करने का जज्बा हो तो उम्र कोई मायने नहीं रखता। राजकुमार जी ने भी यही साबित किया था।
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उनकी प्रेरणादायक उपलब्धि को याद करते हुए पत्रकार रविशंकर उपाध्याय लिखते हैं। आज सुबह ही दुःखद खबर मिली। राजकुमार वैश्य जी नहीं रहे। 98 साल की उम्र में एमए करने वाले राजकुमार जी 101 साल की उम्र में परलोक सिधार गए। 2017 में जब मैं उनसे मिला था तो देखा कि झुर्रियों से भरा चेहरा, उम्र के भार से झुके हुए कंधे, कदमताल करने के लिए सहारे की जरूरत लेकिन यह व्यक्ति एमए कर रहे हैं। उनमें हौसला ऐसा था कि पूछिए मत. राजेंद्र नगर रोड नंबर पांच में रहने वाले राजकुमार जी ने 98 साल की उम्र में भी एमए कर ऐसी मिसाल पेश की थी जो हमेशा नज़ीर रहेगी।
जिस उम्र में लोग खुद को ईश्वर और परिवार के भरोसे छोड़ देते हैं वे लगातार तीन घंटे तक नालंदा ओपेन यूनिवर्सिटी में लकड़ी की कुर्सियाें और बेंच पर अर्थशास्त्र की नीतियों पर लंबा अालेख लिखते थे. इस दौरान हड्डियां जवाब देने लगती है लेकिन वे ना केवल वस्तुनिष्ठ प्रश्न को हल करते थे बल्कि दीर्घ उत्तर प्रश्नाें को भी अपने दीर्घजीवी उम्र में करारा जवाब देते थे.
तीन साल पहले उनसे बातचीत करना एक बेहद खास अनुभव रहा था। उनमें इतनी ऊर्जा थी जो मेरे लिए अद्भुत, अकल्पनीय, अविश्वसनीय थी। हौसला हो तो राजकुमार जी जैसा। आपसे पीढियां सीखती रहेगी सर।
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