मोकामा में आसमान हुआ सतरंगी ।
मोकामा। (इंद्रधनुष Rainbow in Mokama)इंद्रधनुष का सतरंगी नजारा वर्षों बाद बुधवार को मोकामा के आसमान पर दिखा। शाम करीब साढ़े पांच बजे अचानक मोकामा के आसमान पर एक सतरंगी लकीर खिंच गई। मानो आसमान ने कोई सतरंगी हार पहन लिया हो। और, इस अद्भुत खगोलीय घटना यानी इंद्रधनुष को देखने के लिए जो जहां थे वहीं से एकटक आसमान को निहारने लगे। मोकामा और आसपास के इलाके में दिखा यह इंद्रधनुष इसलिए भी खास रहा क्योंकि यह अर्धचंद्राकार था जबकि आम तौर पर आसमान के एक छोर से दूसरे छोर तक इंद्रधनुष की छटा बिखरती है।
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इंद्रधनुष को लेकर आम जनमानस में कई तरह के मिथक हैं।
हालांकि इंद्रधनुष को लेकर आम जनमानस में कई तरह के मिथक हैं। जैसे कहीं कहीं आश्विन महीने में इंद्रधनुष दिखना बारिश टलने की संभावना के रूप में देखा जाता है। यानी अगर इंद्रधनुष दिखा तो अगले कुछ दिन बारिश नहीं होगी।(Rainbow in Mokama)
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खगोलशास्त्रियों की राय भिन्न है।
वहीं खगोलशास्त्रियों की राय भिन्न है। उनका कहना है कि अक्सर बरसात के दिनों में आसमान में इंद्रधनुष बन आते हैं। ये सप्तरंगी ही होते हैं। इंद्रधनुष असल में प्रकृति का प्रिज्म है। बारिश या भाप के धूप के संपर्क में आने पर पानी की छोटी-छोटी बूंदे पारदर्शी प्रिज्म का काम करती है। सूर्य का प्रकाश उनसे गुजरता है तो सात अलग-अलग रंगों में बंटकर दिखायी देता है। यही खगोलीय घटना भारत में इंद्रधनुष कहा जाता है।(Rainbow in Mokama)
सात साथियों के शहादत के बाद भी रामकृष्ण सिंह ने सचिवालय पर झंडा फहराया था।
स्व.पं. साधू शरण शर्मा ,खूब लड़े अंग्रेजो से।
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