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डॉ. मंजय कश्यप…होनहार विरवान के होत चिकने पात!
डॉ. मंजय कश्यप...होनहार विरवान के होत चिकने पात , यह कथन अक्षरश सही होती है डॉ. मंजय कश्यप जी पर,अपने वल्य्काल…
श्री चंद्रशेखर प्रसाद सिंह उर्फ़ चंद्रशेखर बाबू!
धारित्री में आज जानेंगे मोकामा के वीर सपूत श्री चंद्रशेखर प्रसाद सिंह उर्फ़ चंद्रशेखर बाबू को
चाह नहीं…
आनंद शंकर!
१ मार्च १९५० का दिन मोकामा के मोलदियार टोला के एक मध्यमवर्गीय परिवार मैं किलकारियां गूंजी एक बालक का…
धरित्री!
मोकामा प्रणाम
मोकामा समूह के सभी सदस्यों को प्यार भरा नमस्कार .आज आप सब से पुनह एक सहयोग चाहता हूँ.जैसा की हम…
सरस्वती पुत्र को भाव भीनी क्षर्धांजलि !
मोकामा प्रणाम ,
आज दिल तो बहुत दुखी है.खबर भी बहुत बुरी है .मगर इस्वर को जो मंजूर हो उसे कौन मिटा सकता है .ये…
हेड सर (सीताराम बाबा)..
एक येसा वक्तित्व जिनका अनुशासन का पैमाना इतना शख्त था की छात्र तो छात्र शिक्षक गन भी उनके सामने कांपते नज़र…
क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी!
सन १८८८ में १० दिसम्बर के दिन जन्मे क्रांतिकारी प्रफुल्ल चाकी का नाम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यंत…
राम स्वरुप सिंह उर्फ़ मजिस्ट्रेट साहब!
राम स्वरुप सिंह उर्फ़ मजिस्ट्रेट साहब : मोकामा की पावन धरती पर आपका जन्म मोलदियार टोला में हुआ। आप बाबु…
कबाड़ से कलाकारी, फिर भी भुखमरी !
बिहार के मोकामा का रहने वाले अक्षय आजाद की अनोखी कला की यूं तो बड़े-बड़े लोगों ने प्रशंसा की है, लेकिन इसके जीवन…
मोकामा की कोमल नेशनल कबड्डी कैंप के लिए चयनित!
मोकामा (एसएनबी)। राष्ट्रीय सब-जूनियर कबड्डी प्रशिक्षण शिविर में मोकामा की कोमल कुमारी का चयन किया गया है। अमेच्योर…
किस्मत वालों को मिलती है शहादत : वाइस एडमिरल!
मां ने कहा, बेटा देश के काम आया रणवीर की शहादत से प्रेरणा लें : नीरज प्रतिमा का अनवरण
मोकामा (एसएनएबी)। मातृभूमि…
मां के भावुक अल्फाज और छलक गये आंसू!
मोकामा (एसएनएबी)। शहीद रणवीर रंजन के प्रतिमा अनावरण समारोह को संबोधित करने आयीं रणवीर की मां के शब्दों से पूरा…
शहादत को मिला सम्मान, प्रतिमा का अनावरण आज!
भारतीय नौसेना के शहीद लेफ्टीनेंट कमांडर रणवीर रंजन की याद में शहीद द्वार का निर्माण
मोकामा (एसएनबी)। भारतीय नौसेना…
स्कूल बाबू राम लखन सिंह ‘क़ानूनी’!
न कभी कानून की पढाई की न ही कभी वकालत की और न ही कभी न्यायलय गए.मगर उस जमाने में जब जयादातर झगडे ,मामले पंचो के…
अमर शहीद प्रफुल्ल चंद चाकी !
२ मई १९०८ की सुबह रेलवे के उस पुलिया पर दोनों और से दना दन गोलियाँ चल रही थी.जो लोग उस समय वंहा रेलवे स्टेशन…