मोकामा की सुख समृद्धि की कामना कर तपस्वी स्थान में सम्पन्न हुआ सावन झूला
mokamaonline मोकामा। सावन में भगवान श्री कृष्ण और राम-जानकी-लक्ष्मण को झूला झुलाने का पारंपरिक विधान है। मोकामा के विभिन्न ठाकुरवाड़ी और मंदिरों में हर साल सावन शुक्ल पक्ष तृतीया से पूर्णिमा तक सावन के झूले सजाए जाते हैं। इस दौरान हर शाम देव परिसरों में उत्सव सरीखा माहौल रहता है। मंदिर के अधिष्ठाता देवी देवताओं को आकर्षक झूलों में विराजित कर उन्हें श्रद्धालु विधि विधान पूर्वक झूला झुलाते हैं। साथ ही मंदिर एवं ठाकुरबाड़ी में अन्य देवी देवताओं का आकर्षक श्रृंगार किया जाता है।वैसे तो सावन महीने का हर दिन पवित्र होता है पर परंपरानुसार प्रत्येक सोमवार को महादेव का का अलग-अलग रूप में श्रृंगार किया जाता है।इस अवसर पर भक्तों ने सपरिवार बाबा भोलेनाथ का श्रृंगार देखा और भजन मंडली के भजनों को सुना।
इस वर्ष भी सावन के झूला महोत्सव से मोकामा के मंदिर परिसर गुंजायमान रहे। मोलदियार टोला स्थित तपस्वी स्थान ठाकुरबाड़ी में आजादी पूर्व से ही झूला महोत्सव होता आया है। इस बार भी यहां झूला महोत्सव श्रद्धालुओं के आकर्षण और भक्ति का प्रमुख केंद्र बना रहा।
पूर्णिमा के दिन तपस्वी स्थान ठाकुरबाड़ी में समापन पूजन हुआ। विशेष फूलों और नयनाभिराम श्रृंगार से सुसज्जित ठाकुरजी को झूले में विराजित कर झुलाया गया। भजन मंडली ने ठाकुरजी से भक्तों के साथ ही देश की खुशहाली और समृद्धि की कामना की। साथ ही मोकामा की सुख शांति की कामना के साथ झूला महोत्सव सम्पन्न हुआ।

सावन पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालुओं ने लगाई श्रद्धा की डुबकी।
बाबा भोलेनाथ की अद्भुत श्रृंगार के साथ समाप्त हुआ झूलन महोत्सव।
Team :- mokamaonline
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