चौकिये मत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन,छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन ही नहीं मोकामा ,बाढ़, बख्तियारपुर जैसे स्टेशनों का भी होगा निजीकरण।
रेल मंत्रालय की योजना के तहत देश के बड़े बड़े रेलवे स्टेशनों के साथ साथ बिहार के भी कई महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन का होगा निजीकरण। पावापुरी,जमुई , झाझा ,सिवान और छपरा सहित कई रेलवे स्टेशनों को भी निजी हाथों में देने की तैयारी कर रहा है रेल मंत्रालय।
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इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेटशन की योजना है कि देश के महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन का जल्द से जल्द निजीकरण कर दिया जाय।इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलपमेंट कारपोरेटशन इस समय चल रहे रेलवे स्टेशनों के रिडेवलपमेंट के नाम पर रेल मंत्रालय से डाटा लेता है और फिर योजना के तहत उसे निजी हाथों में देने के लिए रिक्वेस्ट फोर क्वालिफिकेशन मंगवा लेता है। एक बार किसी स्टेशन का RFQ आ गया, उसके बाद तो फिर निजीकरण काम आसान हो जाता है।निजीकरण के लिए कोरोना की वजह से लगे लॉकडाउन की वजह से देरी हुई है। लेकिन अब इसके रिक्वेस्ट फोर क्वालिफिकेशन की प्रक्रिया में कुल 9 कंपनियां योग्य पाई गई हैं,जिसमें जीएमआर और अडानी समूह भी शामिल है।कुल 715 रेलवे स्टेशन निजीकरण के लिए इन कंपनियों को सौंपे जाएंगे। ये सभी रेलवे स्टेशन देश के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं। इस सूची में बिहार के कई रेलवे स्टेशन हैं। पूर्व मध्य रेलवे के दानापुर डिवीजन का स्टेशन पावापुरी और नवादा भी शामिल है। इसके अलावा पटना साहिब, फतुहा, बख्तियारपुर, बाढ़, किउल और मोकामा जैसे स्टेशनों का भी नाम है।
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