8 वर्षीय भव्या ने 10किलोमीटर सायकिल चलाया।
बिहार में एक कहावत है कि बापे पूत परापत घोड़ा, कुछ नहीं तो थोड़म थोड़ा…मतलब बेटा चाहे लाख अलग हो लेकिन उसके कुछ गुण बाप से ज़रूर मिलते हैं। यह कहावत मोकामा के एक पिता-पुत्री पर चरितार्थ हुई है। मोकामा की नन्हीं साइक्लिस्ट 8 वर्षीय भव्या ने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए एक बार में 10 किलोमीटर सायकिल चलाकर सबको चौंका दिया।(Mokama Online News 150)
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भव्या ने 14 नवम्बर को बाल दिवस पर भरूच में आयोजित बच्चों की 10 किलोमीटर सायकिल राइड में शानदार प्रदर्शन किया।
भव्या ने 14 नवम्बर को बाल दिवस पर भरूच में आयोजित बच्चों की 10 किलोमीटर सायकिल राइड में शानदार प्रदर्शन किया। महज 8 साल की उम्र और घर में चलाए जाने वाली बच्चों की साधारण सायकिल के साथ भव्या ने 10 किलोमीटर सायकिल चलाने का कारनामा किया है। घर की बाउंड्री और गलियों से बाहर निकलकर एक बार में 10 किलोमीटर सायकिल चलाने का भव्या का यह पहला प्रयास थे जिसमें वह असाधारण प्रतिभ दिखाते हुए सफल रही ।(Mokama Online News 150)
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पिता की भांति ही नन्हीं साइक्लिस्ट भव्या भी उसी राह पर बढ़ी है।
नन्हीं साइक्लिस्ट भव्या के पिता कृष्ण बल्लभ सिंह वायुसेना के जवान रहे हैं और मौजूदा समय में गुजरात के भरूच में बैंककर्मी हैं। मोकामा के मोलदियार टोला निवासी कृष्ण बल्लभ अपने पेशेवर जीवन से इतर एक पेशेवर साइक्लिस्ट भी हैं। वे हर सप्ताह रविवार और अन्य सार्वजनिक छुट्टियों में सायकिल राइड करते हैं। कृष्ण बल्लभ एक एक दिन में 50 किलोमीटर तक सायकिल चलाने का कारनामा कर चुके हैं। उनके नाम कई सायकिल प्रतियोगिता जीतने की उपलब्धि भी है। अब पिता की भांति ही नन्हीं साइक्लिस्ट भव्या भी उसी राह पर बढ़ी है।
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