अब प्राइवेट कंपनियों में 75% स्थानीय लोगों को आरक्षण,जनवरी से भूखे मरेंगे बिहार वाले।
अब प्राइवेट कंपनियों में 75% स्थानीय लोगों को आरक्षण।
नई दिल्ली।गुरुग्राम।(Mokama Online News 134)हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने प्राइवेट कंपनियों में 75 % स्थानीय लोगों को आरक्षण देने का निर्णय लिया है।यह निर्णय 15 जनवरी से प्रभावी हो जायेगा।गुरुग्राम सहित पूरे हरियाणा में बिहार के 5 लाख से ज्यादा कामगार हैं जिनकी नौकरी पर खतरा मंडराने लगा है।हरियाणा के श्रम संसाधन मंत्री ने बताया की हरियाणा के युवाओं के हित में यह कदम उठाना आवश्यक हो गया है।
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जनवरी से भूखे मरेंगे बिहार वाले।
अब इसका असर हरियाणा के शहरों और गांवों में कार्य करने वाले बाहरी लोगों पर पड़ेगा।खासकर यूपी बिहार के लोग बड़ी संख्या में बेरोजगार होने वाले हैं।बिहार के अधिकतर लोग रोजगार के लिए दिल्ली,पंजाब और हरियाणा जाते हैं। गुरुग्राम सहित हरियाणा के कई बड़े शहरों में आईटी और बड़े Organization में बिहार के युवा कार्यरत हैं।हरियाणा के ग्रामीण इलाकों में भी बिहारी मजदूरों की संख्या लाखों में हैं।(Mokama Online News 134)
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बिहार में रोजगार की संभावना शून्य है।
बिहार जैसे पिछड़े राज्यों से 5 हजार रुपए की मामूली नौकरी के लिए भी लोग पलायन करने को मजबूर हैं क्योंकि बिहार में रोजगार की संभावना शून्य है।
देश कई राज्य अब अपने लोगों को नौकरी और रोजगार देने में आत्मनिर्भर बन गए है
देश कई राज्य अब अपने लोगों को नौकरी और रोजगार देने में आत्मनिर्भर बन गए है तो बिहार अभी प्रवासी मजदूरों का कारखाना बना हुआ है।बिहार में पिछले कई दशक से एक भी कल कारखाना स्थापित नहीं हुआ जबकि सैकड़ों छोटे बड़े उद्योग दम तोड चुके हैं।(Mokama Online News 134)
कोरोना महामारी ने सबसे अधिक कहर बिहार में ही बरपाया था।
कोरोना महामारी ने सबसे अधिक कहर बिहार में ही बरपाया था।अब हरियाणा से बिहारी कामगारों की वापसी पर लोगों को भूखे मरने की नौबत आने वाली है। निश्चित तौर पर बेरोजगार लोगों की संख्या बढ़ेगी तो अपराध की संख्या में बढ़ोतरी होने की आशंका है।
हरियाणा में 30 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में अब स्थानीय लोगों को रखना ही पड़ेगा।
हालांकि हरियाणा के श्रम मंत्री ने बताया है कि इस कानून के तहत 10 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले फर्मों में 30 हजार रुपए तक कि नौकरियों वाले लोगों पर ही असर पड़ेगा। 30 हजार रुपए से कम वाली नौकरियों में अब स्थानीय लोगों को रखना ही पड़ेगा।
हरियाणा में करीब 6 लाख बिहारी कामगार हैं इस फैसले का इनपर सीधा असर पड़ेगा।
हालांकि सूबे के श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार ने बताया की इस फैसले से बिहार के कामगारों को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।उनका तर्क है कि बिहार के लोग जयादातर असंगठित क्षेत्र में काम करते हैं,इनलोगों की सैलरी भी 30 हजार रुपए से कम होती है।राष्टीय मजदूर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सिंह ने हरियाणा सरकार के इस फैसले को बेहद दुर्भग्यपूर्ण बताया।उन्होंने मीडिया को बताया कि हरियाणा में करीब 6 लाख बिहारी कामगार हैं इस फैसले का इनपर सीधा असर पड़ेगा। बिहार सरकार को विरोध करना चाहिए।
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