कलम वाले हाथों ने उठाए कुदाल,धार्मिक स्थल की गरिमा बचाई।
कलम वाले हाथों ने उठाए कुदाल,धार्मिक स्थल की गरिमा बचाई।
बिहार।पटना।मोकामा।(Mokama Online News 119)छात्रों ने जब जब ठाना है नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। इतिहास गवाह है चाहे वो आजादी की लड़ाई हो या जयप्रकाश का आंदोलन सबको छात्रों ने ही सफल बनाया है।

कुछ दिन पहले मोकामा के प्राचीन महादेव स्थान के पीपल पेड़ का बाउंड्री टूट गया था।
कुछ दिन पहले मोकामा के प्राचीन महादेव स्थान के पीपल पेड़ का बाउंड्री टूट गया था।स्थानीय लोगों की नजर जब उसपर पड़ी तो बचे हुए ढांचे को भी तोड़कर उसी जगह पर रख दिया ताकि श्रद्धालुओं के साथ कोई दुर्घटना न हो जाय।(Mokama Online News 119)
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स्नान उपरांत श्रद्धालु इसी प्राचीन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं।
अभी हिंदुओं का सबसे पवित्र महीना कार्तिक चल रहा है जिसमें रोजाना हजारों श्रद्धालु महादेव स्थान में गंगा स्नान के लिए आते हैं। स्नान उपरांत श्रद्धालु इसी प्राचीन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाते हैं। कार्तिक के महीने में ही महापर्व छठ मनाया जाता है।(Mokama Online News 119)

लोगों की श्रद्धा का केंद्र महादेव स्थान का यह पीपल का पेड़ जिसमें हजारों लोग रोजाना गंगाजल डालते हैं।
लोगों की श्रद्धा का केंद्र महादेव स्थान का यह पीपल का पेड़ जिसमें हजारों लोग रोजाना गंगाजल डालते हैं।पिछले 3 दिनों से स्थानीय लोगों ने पहल की और संबंधित विभाग सहित जनप्रतिनिधियों को भी सूचना पहुचाई ताकि महापर्व छठ पूजा से पहले इसका निर्माण हो जाय।
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छात्रों ने खुद मजदूरों की तरह बालू ,सीमेंट और ईंट ढोया, मसाला मिलाया,बालू चाला।
मोकामा के जनप्रतिनिधियों की कुंभकर्णी नींद नहीं टूटी तो विद्यार्थी हिंदी पुस्तकालय के छात्रों ने इसकी मरम्मत का बीड़ा उठाया।सबने थोड़े थोड़े पैसे इक्कठे किए और काम शुरू कर दिया। खुद मजदूरों की तरह बालू ,सीमेंट और ईंट ढोया, मसाला मिलाया,बालू चाला।राजमिस्त्री के साथ छात्र तबतक मजदूर बन कार्य करते रहे जबतक की कार्य संपन्न न हो गया।
विद्यार्थी हिंदी पुस्तकालय के छात्रों ने प्राचीन धर्म स्थल महादेव स्थान की गरिमा बचा ली।
विद्यार्थी हिंदी पुस्तकालय के छात्रों ने प्राचीन धर्म स्थल महादेव स्थान की गरिमा बचा ली।कार्तिक महीने में पीपल में जल देने वालों श्रद्धालुओं को बाउंड्री गिरने से बड़ी तकलीफ हो रही थी।स्थानीय ग्रामीण और श्रद्धालु सभी विद्यार्थी हिंदी पुस्तकालय के छात्रों द्वारा किए गए इस नेक कार्य की प्रशंसा करते नहीं थक रहे।

इन बच्चों ने हम बड़े लोगों की भी आंखें खोल दी है।
रामशंकर सिंह कहते हैं कि मोकामा का भविष्य उज्ज्वल है। इन बच्चों ने हम बड़े लोगों की भी आंखें खोल दी है। हम अपनी छोटी बड़ी समस्याओं के लिए अपने जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों पर निर्भर हो जाते है। इनलोगो पर निर्भरता के कारण ही मोकामा का विकास थम गया है। अब बच्चों द्वारा इस तरह के छोटे छोटे कदम सफलता की नई कहानी लिखेंगे।
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