टाल के बेहाल किसानों की दुर्दशा एक बार फिर बरकरार रहेगी।
बिहार।पटना।मोकामा। बड़हिया।(Mokama Online News 06) अन्नदाता फिर से अन्न उपजाने की चुनौती झेलेंगे।मोकामा बड़हिया टाल के किसानों को एक बार फिर से जलजमाव को झेलने की मजबूरी है। रबी फसलों की समय पर बुआई की आस लगाए किसानों को फिर से निराश होना तय है।
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किसानों का यह क्रुन्दन किसी को सुनाई भी नहीं देता।
किसानों का यह क्रुन्दन किसी को सुनाई भी नहीं देता। किसान घुट घुट कर मरने को मजबूर हैं क्योंकि मोकामा बड़हिया टाल में एक बार फिर से देर से बुआई होगी। पिंछत बुआई के पूरे आसार हैं।(Mokama Online News 06)
टाल में इस समय जहां तक नजर जाती है वहां तक पानी ही पानी है।
टाल में इस समय जहां तक नजर जाती है वहां तक पानी ही पानी है। पानी का यह रौद्र रूप किसानों की आंखों को पानी पानी कर रहा है। जिस मोकामा टाल में 15 अक्टूबर से दलहनी फसलों की बुआई शुरू हो जानी चाहिए थी उस टाल में अगले एक महीने तक बुआई की कोई संभावना नजर नहीं आती।(Mokama Online News 06)
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वहीं टाल के निचले भाग औंटा, मरांची, कन्हाईपुर आदि में तो और भी बुरा हाल है।
वहीं टाल के निचले भाग औंटा, मरांची, कन्हाईपुर आदि में तो और भी बुरा हाल है। यहाँ के ताल में अगर 1 दिसम्बर तक बुआई शुरू हो जाये तो बड़ी बात होगी। टाल में जलजमाव का यह रूप किसानों को आने वाले दिनों चिंताओं के भंवर में डुबोता नजर आ रहा है।
सात साथियों के शहादत के बाद भी रामकृष्ण सिंह ने सचिवालय पर झंडा फहराया था।
स्व.पं. साधू शरण शर्मा ,खूब लड़े अंग्रेजो से।
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