अनामिका कहती है, जब आसमान छूने का जज्बा हो तब न तो कोई चुनौती टिकेगी और ना ही उम्र या स्त्री-पुरूष का भेद। कृतसंकल्पित होकर लक्ष्य की ओर अग्रसर होना जरूरी है। देश की सबसे कम उम्र की स्काईडाइवर बनने का गौरव हासिल करने वाली अनामिका शर्मा उर्फ बन्नी मोकामा के चिन्तामनीचक मोहल्ला निवासी आनन्द प्रसाद सिंह की नतिनी है। आनंद प्रसाद ने कहा कि देश के साथ ही अनामिका ने मोकामा का नाम रौशन किया है। उन्हें बधाई देने वालों का तांता लगा है।
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बिहार।पटना।मोकामा।देश की सबसे कम उम्र की स्काईडाइवर बन मोकामा की अनामिका ने रचा इतिहास।हमारी बेटियों निरन्तर हमारा मान बढ़ा रही हैं। वह आसमान से छू रही है। हैरतअंगेज करतब दिखाते हुए आसमान से छलांग रही है। जी हां, मोकामा की अनामिका ने इतिहास रच दिया है। वह देश की सबसे कम उम्र की स्काईडाइवर बन गई है। मात्र 20 साल में अनामिका ने रूस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है और अब देश का गौरव बढायेगी।
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अनामिका शर्मा ने मात्र 20 वर्ष की उम्र में वह कारनामा कर दिखाया, जिसे देख लोगों के पसीने छूट जाते हैं।अनामिका ने हाल ही में रूस के मॉस्को में फ्लाइट क्लब के साथ ट्रेनिंग ली। 20 साल की अनामिका की खासियत यह भी है कि वह फ्लाइट क्लब रूस की स्पेशल फोर्स को भी ट्रेनिंग देती है। करीब पंद्रह दिन रूसी सेना के साथ ट्रेनिंग करने के बाद अनामिका ने 12 स्काईडाइव किए और ट्रेनिंग का पहला पड़ाव सफलतापूर्वक पार कर लिया। इसके साथ ही अनामिका भारत की सबसे कम उम्र की स्काइडाइवर बन गई।
देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा
अनामिका अगले कुछ महीनों में ट्रेनिंग के अगले चरण को पूरा कर लेगी। देश की सबसे कम उम्र की लाइसेन्स होल्डर स्काइडाइवर बन जाने के बाद वह देश का प्रतिनिधित्व करने की इच्छा रखती है। अनामिका बीटेक द्वितीय वर्ष की छात्रा है। उसके पिता अजय शर्मा वायुसेना से सेवानिवृत्त हैं और वो भी करीब 650 बार स्काई डाइविंग कर चुके हैं।
10 साल की उम्र से जारी है प्रशिक्षण
अनामिका ने बताया कि वह बचपन से इस साहसिक करतब को दिखाने की चाहत रखती थी। 10 साल की उम्र में पहली बार स्काई डाइवर का प्रशिक्षण शुरू किया। अपने पिता के मार्गदर्शन में इस क्षेत्र में आगे बढ़ी है।
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