भ्रष्टाचार से कराहता मोकामा, बिना दलाल नहीं बनती बात।( Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
बिहार।पटना।मोकामा। बिहार में भ्रष्टाचार का ग्राफ दिनोदिन बढ़ता जा रहा है। एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुशासन सरकार की तारीफे करते नहीं थकते तो वंही दूसरी और उनके पदाधिकारी और कर्मचारी भ्रष्टाचार में इस कदर डूबे हैं कि बिना रिश्वत लिए किसी का पेपर तक अटेस्ट नहीं करते ।(Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
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मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी 1000 रुपया देना पड़ता है।(Mokama Online)
मोकामा प्रखण्ड कार्यालय भ्रष्टाचार की राजधानी बन गई है।बिना रिश्वत यँहा कोई सीधे मूँह बात नहीं करता । आवास, शौचालय, दाखिल खारिज तो छोड़िए यँहा मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए भी 1000 रुपया देना पड़ता है। (Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
पूरे प्रखण्ड कार्यालय में भ्र्ष्टाचार और भरष्टाचारियों का दबदबा है।(Mokama Online)
पूरे प्रखण्ड कार्यालय में भ्रष्टाचार और भरष्टाचारियों का दबदबा है। अगर किसी प्राकृतिक आपदा या दुर्घटना में किसी की जान चली जाती है तो मुख्यमंत्री की तरफ से पीड़ित परिवार को 4 लाख रुपया दिया जाता है। मगर इस 4 लाख के लिए भी प्रखण्ड कार्यालय में गिद्ध बैठे हुए हैं जो 4 लाख दिलवाने के एवज में 1-2 लाख तक ऐंठ लेते हैं। (Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
नेताओं ने अपने अपने लोगों को यँहा दलाली रखवाई है जिसके हाथों से उनतक दलाली का कमीशन पहुँचता है।(Mokama Online)
अब जरा सोचिए मोकामा का एक एक आदमी बड़े बड़े नेताओं से सीधे संपर्क में है फिर भी यँहा भ्रष्टाचार की जड़े इतनी गहरी कैसे? तो क्या यकीन कर लें कि यँहा से जो गैरकानूनी वसूली होती है वह स्थानीय दलालों द्वारा इन बड़े बड़े बड़े बड़े नेताओं को भी पहुँचाया जाता है।स्थानीय लोगों द्वारा कहा तो यँहा तक जा रहा है कि नेताओं ने अपने अपने लोगों को यँहा दलाली रखवाई है जिसके हाथों से उनतक दलाली का कमीशन पहुँचता है। (Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
मोकामा प्रखण्ड कार्यालय अब कोई अधिकारी और कर्मचारी नहीं चलाते बल्कि हर कार्य के लिए यँहा दलाल नियुक्त हैं। (Mokama Online)
अब सच क्या है और झूठ क्या पर इतना तो सच है कि मोकामा प्रखण्ड कार्यालय अब कोई अधिकारी और कर्मचारी नहीं चलाते बल्कि हर कार्य के लिए यँहा दलाल नियुक्त हैं। सांसद, विधायक और एमएलसी महोदय जनता को भ्रष्टाचार में पिसते देख मौन क्यों हैं ? उनकी चुप्पी क्या कह रही है? (Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)
मोकामा प्रखण्ड कार्यालय में फैले भर्ष्टाचार से मोकामा की जनता त्रस्त है। (Mokama Online)
मोकामा प्रखण्ड कार्यालय में फैले भर्ष्टाचार से मोकामा की जनता त्रस्त है परन्तु मजाल है कि कोई सांसद, विधायक या एमएलसी इस मुद्दे पर कभी आवाज़ उठाएं।वास्तविकता तो यब है कि इनलोगों द्वारा सरकारी अधिकारियों और अन्य लोगों को भर्ष्टाचार द्वारा धन कमाने का अवसर दिलवाया जा रहा है।अगर इन नेताओं का इन अधिकारियों, कर्मचारियों और दलालों पर वरदहस्त न होता तो ये लोग कबके जेल चले गए होते। (Mokama groans due to corruption without argument the matter is not made)

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