हनुमान मंदिर पटना पर हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे की सुनवाई , मोकामा के कुमार शानू हैं पटना हनुमान मंदिर के अधिवक्ता टीम का हिस्सा।

हनुमान मंदिर पटना पर हनुमानगढ़ी अयोध्या के दावे की सुनवाई।

बिहार। पटना। अयोध्या। (Mahavir mandir vs Hanumangarhi)बिहार की राजधानी पटना के हृदय स्थल में बिराजता हनुमान मंदिर लाखों श्रद्धालुओं के श्रद्धा का केंद्र है। कुछ दिनों पहले हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत प्रेमदास ने यह दावा किया था की पटना महावीर मंदिर अयोध्या के हनुमानगढ़ी द्वारा संचालित होता था। महंत प्रेमदास के इस दावे पर महावीर मंदिर पटना से दी कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी जिसमें यह कहा गया था कि 1948 ईस्वी में हाई कोर्ट पटना के द्वारा यह फैसला दिया गया था कि यह सार्वजनिक मंदिर है उसके बाद यहां पुजारी एवं प्रबंध समिति की व्यवस्था की गई थी। 1987 में इसे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के द्वारा अधिकृत किया गया था और तब से यह बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के द्वारा ही संचालित किया जा रहा है।

Mahavir mandir vs Hanumangarhi

मोकामा के कुमार शानू हैं पटना हनुमान मंदिर के अधिवक्ता टीम का हिस्सा।

हनुमानगढ़ी अयोध्या के महंत प्रेमदास ने धार्मिक न्यास बोर्ड में हनुमानगढ़ी के अधिकार के लिए आवेदन दे रखा है।महावीर मंदिर पटना और हनुमान गढ़ी अयोध्या के बीच कानूनी जंग शुरू हो गई है। आज इसी क्रम में फैजाबाद (अयोध्या)जनपद के न्यायालय में सुनवाई हो रही थी।बिहार के माटी की अस्मिता, हनुमान जी के असंख्य भक्तों की भावनाओं, धर्म व सत्य के पक्ष में तथा महावीर मंदिर पटना के अधिवक्ता की हैसियत से मोकामा के कुमार शानू भी सुनवाई में हिस्सा ले रहे थे(Mahavir mandir vs Hanumangarhi)।

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1948 ईस्वी में हाई कोर्ट पटना के द्वारा यह फैसला दिया गया था कि यह सार्वजनिक मंदिर है ।

उन्होंने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है की “धर्म को परोपकार से जोड़ कर दुनिया में मिशाल पेश करने वाले हम सब के महावीर मंदिर पर पिछले दिनों अयोध्या न्यायालय में कुछ सजन्नों ने अपना दावा किया था। सौभाग्य है कि हनुमान जी तथा उनके सेवक आचार्य किशोर कुणाल जी ने इस पवित्र कार्य के लिए मुझे भी चुना।”

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सात साथियों के शहादत के बाद भी रामकृष्ण सिंह ने सचिवालय पर झंडा फहराया था।

स्व.पं. साधू शरण शर्मा ,खूब लड़े अंग्रेजो से।

याद किये गये चाकी।

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