“खेलोगे कूदोगे होगे खराब
पढोगे लिखोगे बनोगे नबाब” आपने भी आशा भोंसले द्वारा गाया गीत अवश्य सुना होगा। अभिभावकों और रिश्तेदारों द्वारा बच्चों को पढ़ने के लिए प्रेरित करने के लिए यह गीत सुनाया जाता था।बच्चों को पढ़ने लिखने के लिए समझाया जाता था ताकि वो बड़े होकर अपने पैरों पर खड़े हो सकें।
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बिहार की बच्चे अब खेल की दुनिया में आगे बढ़ रहे हैं ।सरकार भी उन्हें खेलने के एवज में सरकारी नौकरी से नवाज रही है।बेगूसराय के बीहट में कई खिलाड़ियों ने अपने बेहतर खेल के दम पर सचिवालय जैसे संस्थानों में नौकरी लेकर अपने घर समाज को गौरवान्वित किया है।बीहट की रेमी कुमारी ,अंकिता कुमारी,नव्या कुमारी ,भवेश कुमार ने बिहार सरकार के विभिन्न संस्थानों में नौकरी ली है।कबड्डी खेल कर दो दर्जन से अधिक महिला व पुरुष ने बिहार पुलिस, एसएसबी, एलआईसी,बिहार सचिवालय,सीआरपीएफ सहित अन्य संस्थानों में नौकरी प्राप्त की है।बेगूसराय के जिला संघ के जिला सचिव सह कबड्डी के अंतरराष्ट्रीय अंपायर श्याम नंदन सिंह पन्नालाल खिलाड़ियों के उपलब्धि पर गदगद दिखे।उन्होंने कहा कि अब खेल कूद में भी बढ़िया करियर बनाया जा सकता है।बिहार सरकार अब खिलाड़ियों के प्रति काफी उदार हो गई है।
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