मोकामा : 60 साल से 290 एकड़ किसानों की रसीद कटी कब्जे वाली जमीन को सरकार ने बताया अवैध कब्जा

मोकामा। बरौनी एनटीपीसी के एस डेक यानी राख निस्तारण भूमि के लिए चयनित 290 एकड़ जमीन का विवाद निपटान के लिए पटना जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह और बेगूसराय जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा ने शनिवार को मोकामा के दियारा क्षेत्र का दौरा किया। दियारा क्षेत्र में 290 एकड़ भूमि अधिग्रहण के लिए पिछले साल पहल की गई थी लेकिन तब मोकामा के मरांची, बादपुर, मालपुर, डुमरा आदि गांवों और बेगूसराय के करीब दर्जन भर गांवों के किसानों ने इसका विरोध किया था। पुलिस प्रशासन और किसानों के बीच झड़प भी हुई थी जिसके बाद से प्रस्तावित भूमि पर निर्माण कार्य रुका हुआ है।

हालांकि करीब एक साल बाद प्रशासन ने फिर से भूमि को कब्जे में लेने की प्रक्रिया शुरू की है। इसके लिए खुद पटना और बेगूसराय के जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे। उन्होंने किसानों से अपील की कि मौजूदा फसल की कटाई के बाद वे उक्त भूमि पर खेती न करें। साथ ही स्थानीय प्रशासन को निर्माण कार्य कराने का निर्देश दिया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों ने विविध कारणों से जमीन पर अवैध कब्जा जमा रखा है। उनकी जमाबंदी पहले ही खारिज की जा चुकी है।

वहीं किसानों का कहना है कि जिस जमीन को एस डेक के लिए कब्जे में लेने की बात की गई है उस पर शुरू से किसानों का मालिकाना हक रहा है। यहां तक कि सरकार की ओर से अलग अलग समय में जमीन बिक्री के बाद उसका नए मालिक के नाम पर दाखिल खारिज भी किया गया है। जमीन का राजस्व रसीद भी एक दशक पहले तक नियमित रूप से कट रहा था लेकिन अब एनटीपीसी के लिए किसानों की जमीन को कब्जाया जा रहा है। एक किसान ने कहा कि जिस 290 एकड़ को जिलाधिकारी अनसर्वेड बता रहे हैं उसका राजस्व रसीद कैसे कटा जा रहा था? कैसे अब तक जमीन की खरीद बिक्री हो रही थी और सरकार के पास कर जा रहा था?

हालांकि जिलाधिकारी ने अब से किसानों को फसल न लगाने की अपील की है। साथ ही दोनों जिलों के जिलाधिकारी ने पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया पर भी बात की जिसके तहत कसहा दियारा का बड़ा भूभाग पटना से बेगूसराय में जाएगा।

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