कृषि विज्ञान केन्द्र बेगूसराय में कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप बैठक आयोजित।
कृषि विज्ञान केन्द्र बेगूसराय में कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप बैठक आयोजित।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)
बिहार।बेगुसराय।कृषि विज्ञान केन्द्र बेगूसराय में बायोटेक किसान हब कृषक वैज्ञानिक वार्तालाप बैठक का आयोजन किया गया ।भाकृअनुप- भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान, झांसी द्वारा मोकामा चारा मंडी को तकनीकी सहायता प्राप्त CO5, एवं CO6 चारा को कार्यक्रम के मूख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह,ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज, भारत सरकार के कर कमलोंं से चंदन कुमार सामाजिक चिंतक ने.कृषि विज्ञान केन्द्र, बेगूसराय को प्रदान किया।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)
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डा. रामपाल को इस तकनीक को अग्रसारित करने का निर्देश देकर किसानों को चारा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दिया ।(Mokama Online)
केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी डा. रामपाल को इस तकनीक को अग्रसारित करने का निर्देश देकर किसानों को चारा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने का संकल्प दिया । CO5 एवं CO6 अभी के समय मे सबसे उन्नत चारे का प्रभेद है जो अभी तत्काल चारा मंडी मोकामा के अलावा पूरे बिहार में कहीं उपलब्ध नहीं है ।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)

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मोकामा के युवा अब खेती को मुनाफे का सौदा बना रहे हैं।(Mokama Online)
मोकामा के युवा अब खेती को मुनाफे का सौदा बना रहे हैं।अपने मेहनत और सरकारी सहयोग से यँहा के किसान देश भर में अपनी उपस्तिथि दर्ज करवा रहे हैं।मोकामा के माहेश्वरी एग्रीकल्चर फ़ार्म में आज CO6 घास की खेती की जा रही है।पारम्परिक खेती से इतर आधुनिक तकनीक के साथ यँहा के किसान खेती कर रहे हैं।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)

मोकामा वार्ड न.13 निवासी चंदन कुमार कई बीघा में CO6 घास की बुआई करवा रहे हैं।(Mokama Online)
मोकामा वार्ड न.13 निवासी चंदन कुमार कई बीघा में CO6 घास की बुआई करवा रहे हैं।CO6 घास यह एक बहुवर्षीय चारा है । एक वार लगाने पर 6- 7 वर्षों तक लगातार बिना किसी खास मेहनत के उगते रहता है।किसानों को जुताई, बुआई, बीज का खर्च बच जाता है।एक बार इसकी बुआई कीजिये 7 साल तक इसकी फसल लीजिगे। इसके कल्ले या डंठल कि बुआई की जाती है।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)

चन्दन जी के नेतृत्व में मोकामा और घोसवरी प्रखण्ड के सैकड़ो किसान इसकी खेती कर रहे हैं।(Mokama Online)
चन्दन जी के नेतृत्व में मोकामा और घोसवरी प्रखण्ड के सैकड़ो किसान इसकी खेती कर रहे हैं।पुरे बिहार मे पहली वार भारतीय चारागाह एवं चारा अनुसंधान संस्थान झांसी से सीधे मोकामा में पहुँचा है CO6 घास ।इससे पहले यह पहले नेपियर के रूप में आता था जिसके जड़ लगाकर खेती की जाती थी। बादमें इसमें कई संसोधन किये गए और CO5 के रूप में डॉ राजेंद्र प्रसाद कृषि विश्वविद्यालय पूसा समस्तीपुर से लाकर चन्दन जी इसकी खेती करते थे।अब इसकी सबसे उत्तम और आधुनिक वैरायटी CO6 खेती कर रहे हैं चंदन जी।उनका संकल्प है कि मोकामा देश का सबसे बड़ा और आधुनिक चारागाह बने। उनकी पहल पर आज मोकामा घोसवरी प्रखण्ड के सैकड़ों किसान CO6 की खेती कर रहे हैं।इनकी पहल पर सीआरपीएफ मोकामा घाट ग्रुप सेंटर, नाजरथ अस्पताल में भी बड़े पैमाने इसकी खेती की जा रही हैं।(Farmer Scientist Dialogue meeting KVK Begusarai)

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