मोकामा। बिहार पुलिस के पूर्व महानिदेशक एवं महानिरीक्षक, सुपर 30 के संस्थापक तथा शिक्षाविद श्री अभयानंद जी ने मोकामा में आयोजित शिक्षा संवाद में सैंकड़ों स्थानीय छात्रों को रोज़गार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के विषय पर सम्बोधित किया।
उन्होंने बच्चों को समय प्रबंधन, पर्सनालिटी डेवलपमेंट, उन्नत स्मरण शक्ति, प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता के गुर सहित वैश्विक परिदृश्य के अनुसार अपने कौशल को विकसित करने की सीख दी।
उन्होंने कहा कि सरकारी नौकरी के भरोसे बैठने से बेहतर है कि विद्यार्थी बहुविध प्रतिभा के धनी बने और उनका कौशल उन्हें स्वरोजगार दिलाने वाला बने। साथ ही निजी क्षेत्रों में ऐसे प्रतिभावानों को हमेशा बेहतर जगह मिलता है।
अभयानंद ने रविवार को मोकामा के राम रतन सिंह महाविद्यालय में विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए रोज़गार और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अपनाने का मार्गदर्शन दिया। शिक्षा संवाद नामक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने शिक्षा क्षेत्र की मौजूदा चुनौतियों, सफलता के सूत्र एवं रोजगार तथा नौकरी के अवसरों पर बच्चों की जिज्ञासा को शांत किया। कई विद्यार्थियों ने उनसे शिक्षा, प्रतियोगी परीक्षाओं और नौकरी संबंधित सवाल किए जिसका अभयानंद ने सकारात्मक जवाब दिया। मौजूद अभिभावकों और शिक्षकों को अभयानंद ने बच्चों की प्रतिभाओं का आकलन करने और उन्हें बालपन से ही लक्ष्य निर्धारित करने वाला बनाने का सुझाव दिया।
डॉ आशुतोष आर्य लिखित मोकामा के इतिहास, कृषि भूमि टाल, सामाजिक स्वरूप सहित हमारे क्षेत्र की विविध जानकारियों से समाहित पुस्तक ‘मेरा आंगन मेरा बचपन’ की एक प्रति अभयानंद सर को भेंट की गई।
रामरतन बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण से शुरू हुए कार्यक्रम में युवा प्रतिभा तेजस्वी ने पूर्व डीजीपी का परिचय दिया। कुमार शानू ने स्वागत किया। अभयानंद को मोकामा के विभिन्न शिक्षण संस्थानों और बुद्धिजीवियों की ओर से पुस्तक एवं शॉल भेंटकर सम्मानित किया गया। रामसागर सिंह ने धन्यवाद ज्ञापित किया। बासुकीनाथ ने संचालन किया। इस अवसर पर उदय कुमार, डॉ सुधांशु शेखर, सामाजिक कार्यकर्ता चंदन कुमार, प्रणव शेखर शाही, रवीश, शिक्षक विनय कुमार, चंदन कुमार, पंकज कुमार, संजय कुमार, संजय ठाकुर आदि उपस्थित थे।
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