डॉ राम सागर सिंह ने पेश की लॉकडाउन निभाने की मिसाल

डॉ राम सागर सिंह ने पेश की लॉकडाउन निभाने की मिसाल
मोकामा। नागरिकों द्वारा लॉक डाउन का सख्ती से पालन करने पर ही कोरोना महामारी से सार्थक रूप से निपटा जा सकता है। कोरोना महामारी के इस संकटकाल में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पार्टी प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने अपने पिताजी के देवलोक गमन पर सोशल डिस्टेंसिंग पालन करने की मिसाल कायम की है। उन्होंने राष्ट्रहित को सर्वोपरि मानते हुए श्राद्ध कर्म के सभी विधानों को सीमित और मर्यादित रखा। चूंकि कोरोना संक्रमण का सर्वाधिक खतरा भीड़ बढ़ने पर संक्रमित व्यक्ति से एक दूसरे में होता है, इसलिए डॉ राम सागर सिंह पारम्परिक विधानों को मर्यादा पूर्वक निभाते हुए पिता का श्राद्ध कर्म सम्पन्न कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील के अनुसार उन्होंने परम्परागत विधानों पर राष्ट्र हित को तरजीह दी।

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उनके 95 वर्षीय पिताजी ने एक शिक्षक के रूप में जिंदगी के पेशेवर जीवन की शुरुआत की और बाद में भारतीय खाद्य निगम में पदाधिकारी के रूप में रिटायर्ड हुए। उनका निधन 26 मार्च के सुबह 4 बजकर 15 मिनट पर ब्रह्म मुहूर्त में हुआ।

वे अपने पीछे एक समृद्ध, आदर्शवादी और राष्ट्र हितैषी सोच रखने वाला परिवार छोड़ गए। डॉ राम सागर सिंह के अतिरिक्त उनके परिवार में आज दर्जनों डॉक्टर, इंजीनियर, बैंक अधिकारी, एग्रीकल्चर ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट सहित लगभग शतक का भरा पूरा परिवार है। लेकिन लॉक डाउन का पालन करते हुए श्राद्ध कार्य में कम लोग ही शामिल हुए ।

छत्रपुरा के ग्रामीण और इलाके के सहयोगियों से विचार विमर्श के बाद केवल 11 ब्राह्मण के साथ सोशल डिस्टनसिंग का पालन करते हुए ब्रह्म भोज और पीपल में पानी डालकर पगरबन्धा कर कल श्राद्ध कार्य सम्पन्न किया गया। श्राद्ध कर्म के कारण लॉक डाउन का उल्लंघन न हो इसमे परिवार के साथ ही ग्रामीणों का भी भरपूर सहयोग मिला।

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