मोकामा। रेलगाड़ियों के ठहराव से वंचित रह रहे बड़हिया स्टेशन को एक बार फिर भारतीय रेलवे के सौतेलेपन का सामना करना पड़ा है। पूर्व मध्य रेलवे ने 05 जुलाई से 03331/03332 पटना धनबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस स्पेशल का परिचालन पुनः शुरु करने की घोषणा की है। लेकिन, हैरत की बात है कि ट्रेन का स्टॉपेज बड़हिया से हटा दिया गया है।
और यह पहला मौका नहीं है जब किसी ट्रेन का ठहराव बड़हिया स्टेशन से छीना गया हो। दरअसल पिछले साल 2020 में कोरोना संक्रमण को देखते हुए 23 मार्च 2020 से लॉक डाउन लगाया गया था। इस दौरान सभी ट्रेनों का परिचालन बंद हो गया था। बाद में जब रेलवे ने चरणबद्ध तरीके से ट्रेनों का परिचालन ‘कोविड स्पेशल’ के रूप में शुरू किया तब कई ट्रेनों का ठहराव बड़हिया से हटा दिया गया। इसमें विक्रमशिला एक्सप्रेस से लेकर दानापुर टाटा, भागलपुर पटना इंटरसिटी सहित अधिकांश ट्रेनें शामिल रही। यहां तक कि मोकामा हावड़ा पैसेंजर ट्रेन का ठहराव भी बड़हिया में नहीं दिया गया। हालांकि जब बड़हिया में रेलवे के इस निर्णय के खिलाफ लोगों ने नाराजगी जताई तब कुछ ट्रेनों का ठहराव दिया गया। पर अभी भी ज्यादातर ट्रेनें जो पिछले कई दशकों और सालों से बड़हिया में रुक रही थी उनका ठहराव बड़हिया में नहीं है। जबकि कई ट्रेनें उन स्टेशनों पर रुक रही हैं जो यात्री सुविधाओं, यात्री संख्या, राजस्व के मामले में बड़हिया से भी काफी पीछे है।
अब इसी क्रम में पटना धनबाद इंटरसिटी एक्सप्रेस स्पेशल का नाम जुड़ गया है। यह ट्रेन पूर्व निर्धारित सभी स्टेशनों पर रुकेगी लेकिन एक मात्र बड़हिया में इसका स्टॉपेज नहीं दिया गया है। रेलवे के इस अजीबोगरीब निर्णय से सभी बड़हिया क्षेत्र वासी परेशान भी हैं और गुस्साए लोग आश्चर्य भी जताते हैं कि आखिर ट्रेन का ठहराव सिर्फ बड़हिया से ही क्यों हटाया गया है?
रेलवे की ओर से बड़हिया के साथ हो रही इस दोहरी नीति के निर्णय पर कुछ भी स्पष्ट नहीं किया जा रहा है। आखिर क्या कारण है कि एक ट्रेन अपनी रूट की सभी स्टेशनों पर रुकेगी लेकिन बड़हिया में ठहराव नहीं होगा, इसका जवाब किसी रेल अधिकारी के पास नहीं है।
बड़हिया के लोगों में गुस्सा इसलिए भी है कि एक ओर रेलवे के इस सौतेलेपन से क्षेत्रवासियों को तकलीफ हो रही है तो जनप्रतिनिधियों की ओर से कोई पहल नहीं की जा रही है। स्थानीय सांसद राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह और विधायक तथा बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा की ओर से ट्रेनों का ठहराव सुनिश्चित कराने की कोई ठोस पहल नहीं हुई है। यहाँ तक कि बड़हिया निवासी और केंद्र की मोदी सरकार के मंत्री गिरिराज सिंह ने भी लोगों को निराश किया है।
पिछले साल ट्रेनों के ठहराव को व्यवस्थित करने की मांग को लेकर बड़हिया के कई लोगों ने आमरण अनशन भी किया था। पर उस दौरान मिले आश्वासन का प्रतिफल भी निराशाजनक रहा है। क्योंकि अब पटना धनबाद इंटरसिटी को बड़हिया छोड़कर सभी स्टेशनों पर पूर्ववत ठहराव देने का निर्णय किया गया है।
क्षेत्र के लोग अब अपना गुस्सा सोशल मीडिया पर उतार रहे हैं। एक यूजर लिखते हैं अगर इसी तरह से चलता रहा तो धीरे धीरे सभी ट्रेनों को बड़हिया वासियों से छीन लिया जाएगा। जनता सवाल पूछती है कि क्या कर रहे हैं हमारे सांसद और विधायक जी… ये किसी काम के भी हैं या फिर सिर्फ नाम के जनप्रतिनिधि है ये लोग?? ये जनता को सुविधा दिलवा तो नहीं पा रहे हैं लेकिन जो सुविधा हमारे पास पहले से था उसे भी नहीं बचा पा रहा हैं, उसे भी हमसे छीन लिया जा रहा है। ये कैसे जनप्रतिनिधि हैं जो जनता के ही काम ना आ सके… क्या फायदा ऐसा जनप्रतिनिधि होने का???
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