corruption निगरानी विभाग के हाथों ₹10000 के साथ गिरफ्तार हुआ घूसखोर क्लर्क।
corruption बिहार ।पटना ।छपरा।आपने सरकारी विभागों नगर परिषद कार्यालय,प्रखंड कार्यालय,पुलिस थाना में भ्रष्टाचारियों और घूसखोर में लिप्त अधिकारियों के पकड़े जाने का समाचार तो अक्सर पढ़ते होगा । मगर स्वास्थ विभाग जहां हम जाते हैं कि हमारी जान बचेगी यंहा के लोग भी घूसखोरी में लिप्त हो गए हैं। कल सोमवार दोपहर को छपरा सदर अस्पताल के उपाधीक्षक कार्यालय में कार्यरत एक घूसखोर क्लर्क को निगरानी विभाग ने ₹10000 लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया।
इस घूसखोर क्लर्क के खिलाफ 4 दिन पहले ही चिकित्सक डॉक्टर संजीव रंजन ने निगरानी विभाग के अधिकारियों से शिकायत की थी।
ज्ञात हो कि चिकित्सक डॉक्टर संजीव रंजन के लगभग ₹300000 बकाए के भुगतान से संबंधित फाइल को आगे बढ़ाने के एवज में घूसखोर क्लर्क द्वारा ₹10000 की मांग की जा रही थी। डॉक्टर संजीव रंजन ने अपने बकाए की राशि के भुगतान के लिए संबंधित सभी कागजात जमा करवा दिए थे और रुपए का भुगतान बाकी था। गिरफ्तार किए गए क्लर्क द्वारा जानबूझकर फाइल आगे नहीं बढ़ाया जा रहा था और डॉक्टर संजीव रंजन से ₹10000 की मांग की जा रही थी।
डॉक्टर संजीव रंजन के द्वारा निगरानी विभाग में क्लर्क की शिकायत के बाद निगरानी विभाग के एक अधिकारी को छपरा भेजा गया और शिकायत का सत्यापन कराया गया। इसके बाद उस घूसखोर कलर के गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गई। घूस के रूप में ₹10000 लेकर जैसे ही क्लर्क ने पैसे अपने जेब में रखें निगरानी विभाग के अधिकारियों ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। निगरानी विभाग के के द्वारा इस घूसखोर क्लर्क की गिरफ्तारी में निगरानी विभाग के डीएसपी अरुण पासवान, अरुणोदय पांडे ,सुजीत कुमार सागर ,इंस्पेक्टर सतेंद्र राम, मिथिलेश कुमार जायसवाल ,श्याम बाबू प्रसाद, एसआई संजय चतुर्वेदी ,आशीष कुमार और देवीलाल श्रीवास्तव सहित अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल थे। corruption
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