एक नहीं, दो नहीं तीन-तीन मुख्यमंत्रियों के निशाने पर अनंत
पटना। विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही एक बार फिर मोकामा विधानसभा क्षेत्र सुर्खियों में आ गया है। और इसके केंद्र में मोकामा विधायक अनंत सिंह।
वर्ष 2005 से अजेय चल रहे अनंत सिंह को मोकामा में मात देने के लिए उनके तमाम प्रतिद्वंद्वी एकजुट होने लगे हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार अनंत सिंह को उनके गढ़ मोकामा में हराने और जिताने के लिए बिहार के तीन मुख्यमंत्री स्तर के नेता जोर आजमाइश में लगे हुए हैं।
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एक ओर जहां पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की पार्टी राजद अनंत सिंह को अपने खेमे में लाने के लिए बातचीत में लगी है, वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू अनंत सिंह को हर हाल में हराने की रणनीति पर काम करने लगी है।
जीतनराम मांझी जब मुख्यमंत्री थे तब अनंत सिंह उस समय नीतीश कुमार के खासमखास थे। मांझी ने उस समय नीतीश के खिलाफ़ बगावत किया था और मांझी को मुख्यमंत्री पद से हटाने के लिए नीतीश कुमार को दिल्ली में राष्ट्रपति भवन तक दौड़ना पड़ा था। उस दौरान अनंत सिंह का मांझी को लेकर दिया एक बयान राष्ट्रीय सुर्खियां बटोरा था। उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए मांझी के खिलाफ आक्रामक रुख अख्तियार कर लिया था। अनंत के उस बयान के बाद भी मांझी ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। हालांकि बाद में नीतीश के साथ भी अनंत की नहीं बनी और दोनों अलग हो गए।
उस घटना को बीते अब 5 साल से ज्यादा बीत चुके हैं। इस दौरान 2015 में अनंत ने निर्दलीय चुनाव भी जीता जिसमें जदयू के नीरज कुमार को मात दिया था। बाद में 2019 में उन्होंने लोकसभा चुनाव में किस्मत आजमाई लेकिन जदयू नेता ललन सिंह से हार गए।
इन तमाम उतार चढ़ाव के बाद अब विधानसभा चुनाव 2020 में अनंत को हराने के लिए नीतीश और मांझी कमर कस चुके हैं। सूत्रों की माने तो जीतनराम मांझी जल्द ही मोकामा में जनसम्पर्क अभियान चलाएंगे। वे अनंत को NDA उम्मीदवार से हराकर अपना पुराना हिसाब चुकता करना चाहेंगे। वहीं अगर अनंत सिंह की हार हुई तो यह नीतीश कुमार के लिए भी सुकून की खबर होगी।
हालांकि लालू प्रसाद यादव ऐसा नहीं चाहते। अनंत को नया राजनीतिक जीवन देने के लिए अब राजद ने उनसे बातचीत शुरू की है। सूत्रों का कहना है कि अनंत और लालू के लोगों के बीच भीतरखाने बातचीत चल रही है। अगर सब कुछ सही रहा तो अनंत को राजद के सहारे बड़ा राजनीतिक मुकाम हासिल हो सकता है।
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