बिहार की 40 फीसदी आबादी कोरोना पॉजिटिव

आपको पता है बिहार के 39.45 फीसदी लोग हो चुके हैं कोरोना पॉजिटिव

पटना। कोरोना को लेकर नित नए दावे किए जा रहे हैं। ऐसे ही एक दावे ने सबको हैरान कर दिया है। इस दावे के अनुसार बिहार देश का सर्वाधिक कोरोना पॉजिटिव राज्य बन चुका है। लेकिन हैरत और संतोष की बात यह है कि करोड़ों लोगों को न तो खुद के संक्रमित होने का पता चला और ना ही ठीक हो जाने का।

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बीएआरसी के वैज्ञानिक डॉ ए वेलुमेलि ने कोरोना एंटीबॉडी का जो आंकड़ा प्रस्तुत किया है उसमें पता चला है कि बिहार के 39.45 प्रतिशत लोग कोरोना से संक्रमित होकर मुक्त भी हो चुके हैं लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चला। यानी लोगों को कोरोना हुआ, उन्हें अहसास भी नहीं हुआ और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण वे स्वतः ठीक हो गए।

इसी मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार संजय तिवारी ने हैरत जताते हुए एक पोस्ट में लिखा है कि देश के सबसे पिछड़े राज्य बिहार के लोग कोरोना से लड़ाई में सबसे आगे निकल गये हैं। बीएआरसी के वैज्ञानिक डॉ ए वेलुमेलि ने कोरोना एंटीबॉडी के आंकड़ों का हवाला देते हुए वे लिखते हैं कि बिहार के 39.45 प्रतिशत लोग कोरोना से संक्रमित होकर मुक्त भी हो चुके हैं लेकिन उन्हें इसका पता भी नहीं चला। मतलब विकास और स्वास्थ्य मानकों पर जो सबसे पिछड़ा है कोरोना से लड़ने के लिए उसका शरीर सबसे अधिक सक्षम है। उनकी इम्युनिटी इतनी मजबूत है कि उन्होंने कोरोना वॉयरस को उठाकर अपने शरीर के भीतर ही पटक दिया।

अगर इस दावे और आंखडे में सच्चाई है तो यह चिकित्सा विज्ञान के लिए बड़ी चुनौती है कि आखिर क्या कारण रहे कि बिहार के लोगों को अपने संक्रमित होने का न तो पता चला और ना ही ठीक हो जाने का।

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