01 फरवरी को गंगा जल बन जायेगा अमृत,आखिर कैसे?(Mokama Online)
बिहार।पटना।माघ मास की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या की बड़ी मान्यता है।माघ मास की इस अमावस्या को मौनी अमावस्या और माघी अमावस्या भी कहा जाता है।साल भर के सभी अमावस्या का अपना एक महत्व है मगर मौनी अमावस्या की मान्यता सबसे ऊपर है।इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही शुभ माना जाता है।(319 Mokama Online News)
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मौनी अमावस्या के दिन पर पवित्र गंगा नदी का जल अमृत समान हो जाता है।(Mokama Online)
मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है।धार्मिक मान्यता है कि मौनी अमावस्या के दिन पर पवित्र गंगा नदी का जल अमृत समान हो जाता है।मौनी अमावस्या के दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप मिट जाते हैं। गंगा में स्नान करने से निरोगी काया प्राप्त होती है।मान्यता है मौनी अमावस्या के दिन गंगा स्नान करने वाले की मृत्यु के बाद उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।धार्मिक कैलेंडर के अनुसार अमावस्या की तिथि 31 जनवरी 2022 है।(319 Mokama Online News)

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मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय स्नान करना सबसे उत्तम होता है।(Mokama Online)
धार्मिक पंचाग के मुताबिक माघ माह की कृष्ण पक्ष की अमावस्या की तिथि 31 जनवरी 2022, सोमवार की रात 02 बजकर 18 मिनट पर शुरू होगी और 01 फरवरी 2022, मंगलवार को प्रात: 11 बजकर 15 मिनट पर खत्म हो जाएगी। मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय के समय स्नान करना सबसे उत्तम होता है।इस बार मौनी अमावस्या 01 फरवरी 2022 को मनाया जाएगा।धार्मिक शास्त्रों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन व्रत रखने का विशेष महत्व है।(319 Mokama Online News)

धार्मिक मान्यता है कि मौन व्रत रखने से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।(Mokama Online)
धार्मिक विद्वजनों के अनुसार मौन व्रत का मतलब खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और प्रभु की भक्ति में लीन होने से है। धार्मिक मान्यता है कि मौन व्रत रखने से आध्यात्मिक चेतना का विकास होता है।इसके अलावा इस दिन पितरों का तर्पण, श्राद्ध, पिंडदान आदि कर्म भी किए जाते हैं।इस दिन दान करने का भी विशेष महत्व है।इस दिन गरीबों को अन्न,वस्त्र, द्रव्य आदि दान करना चाहिए।

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