1013 बच्चे पैदा हुए पर स्तनपान 1044 ने किया, मोकामा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ कर्मी पेश कर रहे फर्जी आंकड़े।
1013 बच्चे पैदा हुए पर स्तनपान 1044 ने किया।
बिहार।पटना।मोकामा।एक ओर सरकार जहाँ बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है।सूबे की सरकार चाहती है कि बिहार के एक एक व्यक्ति का स्वास्थ्य के लिए सटीक डेटाबेस तैयार हो ताकि उन्हें उचित समय पर उचित इलाज मिल सके। इसके लिए बिहार सरकार ने कई तरह की लोक कल्याणकारी योजनाएं चला रही है। मगर स्वास्थ्य कर्मियों और अधिकारियों को ये कतई मंजूर नहीं और वह आंकड़ों से बाजीगरी करने में बाज नहीं आ रही है।(246 Mokama Online News)
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मोकामा विधानसभा क्षेत्र में स्वास्थ कर्मी पेश कर रहे फर्जी आंकड़े।
मोकामा विधानसभा अंतर्गत आने वाले पंडारक प्रखंड में जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए हैं वो चौकाने वाले हैं।पंडारक प्रखंड में 1013 बच्चों में जन्म लिया जबकि पहले घंटे स्तनपान करने वाले शिशुओं की संख्या 1044 दर्शाई गई।इसी तरह का आंकड़ा बाढ़ प्रखंड से भी आ रहा है जहाँ 2530 जीवित बच्चों ने जन्म लिया और 2552 ने पहले घंटे में स्तनपान किया। पटना जिले के मसौढ़ी विक्रम बख्तियारपुर अथमलगोला और बिहटा प्रखंड में 100% लक्ष्य हासिल करने का दावा किया जा रहा है। पंडारक और बाढ़ प्रखंड में जितने बच्चे पैदा हुए उससे अधिक बच्चों को पहले घंटे में ही स्तनपान करा देने का आंकड़ा प्रस्तुत कर दिया गया है जो बेहद ही चौंकाने वाला है।(246 Mokama Online News)

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नवजात शिशु के लिए पहला स्तनपान कितना महत्वपूर्ण है यह हर कोई जानता है।
किसी भी नवजात शिशु के लिए पहला स्तनपान कितना महत्वपूर्ण है यह हर कोई जानता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार जन्म के पहले घंटे अंदर नवजात शिशु को स्तनपान करवाने से उसके जीवित रहने की संभावना और मानसिक शारीरिक विकास की संभावना बहुत बढ़ जाती है ।सीधे शब्दों में कहें तो नवजात शिशु के पहले घंटे में स्तनपान कराने से शिशु के मानसिक और शारीरिक विकास के लिए वरदान साबित होता है।(246 Mokama Online News)
जन्म के 1 घंटे के भीतर बच्चे को मां का दूध पिलाया जाता है ।
नवजात शिशु को पहले घंटे में स्तनपान कराने से उसकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कई गुना तक बढ़ जाती है जिससे वह कई घातक संक्रमण से बचता है। मां के स्तन में बच्चे के जन्म के समय अमृत समान पीला गाढ़ा चिपचिपा दूध बनता है। इस दूध में कोलोस्ट्रम ,कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, एंटीबॉडी से भरपूर कम वसा के कारण यह अत्यधिक सुपाच्य एवं अमृत समान दूध का सेवन जन्म के पहले घंटे कराने से बच्चों को बहुत लाभ होता है । धीरे-धीरे उसकी गुणवत्ता कम होती जाती है इसलिए जन्म के 1 घंटे के भीतर बच्चे को मां का दूध पिलाया जाता है ।यह दूध बच्चे के स्टूल के लिए भी बहुत जरूरी होता है।
शिशु के जन्म दर के डाटा के साथ ही खिलवाड़ किया जा रहा है।
अब ऐसे महत्वपूर्ण आंकड़ों में बाजीगरी करने वाले अधिकारियों के बारे में कोई क्या कर सकता है । किसी भी देश के लिए सबसे बड़ा संसाधन मानव संसाधन माना जाता है और एक स्वस्थ शिशु ही स्वस्थ और सभ्य नागरिक बनेगा । शिशु के जन्म दर के डाटा के साथ ही खिलवाड़ किया जा रहा है।
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