पुरुषों पर भारी पड़ गईं हैं महिलाएं, 1000 पर 1020 होते ही भारत का बढ़ गया मान

पुरुषों पर भारी पड़ गईं हैं महिलाएं, 1000 पर 1020 होते ही भारत का बढ़ गया मान।

पटना। भारत अब अपनी बेटियों पर नाज कर रहा है। भारत की बेटियां अब बेटों को सिर्फ पेशेवर क्षेत्र में ही नहीं बल्कि संख्या बल में भी मात देने का आंकड़ा छू ली हैं। बेटियों की जनसंख्या के इस कमाल का नतीजा है कि अब भारत में प्रति 1000 पुरुषों की तुलना में स्त्रियों की संख्या 1020 पहुँच गई है।(184 Mokama Online News)

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भारत की आबादी में पहली बार प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 हो गई है।

भारत की आबादी में पहली बार प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या 1020 हो गई है। ये जानकारी नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे में सामने आई है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ विनोद कुमार पॉल और केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण ने बुधवार को 2019-21 के नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे (NFHS-5) फैक्टशीट जारी की। इससे पहले NFHS-4 में प्रति 1000 पुरुषों की आबादी में महिलाओं की संख्या 991 थी।(184 Mokama Online News)

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भारत में महिलाओं की संख्या बढ़ने पर कई समाजशास्त्रियों ने संतोष जताया है।

भारत में महिलाओं की संख्या बढ़ने पर कई समाजशास्त्रियों ने संतोष जताया है। संख्या बल बढ़ने पर अब उम्मीद है आबादी के साथ साथ जीवन के स्तर में भी स्त्री पक्ष में मजबूत हो और भारत लैंगिक समानता वाला देश बने।(184 Mokama Online News)

बेटियां प्रति हजार पुरुषों की तुलना में 1020 हो गई है।

गौरतलब है कि देश में पिछले कई दशकों से मादा जन्मदर बढ़ाने, बेटियों की भ्रूण हत्या रोकने सहित बेटियों को लैंगिक समानता का अवसर प्रदान करने को लेकर कई जागरूकता अभियान संचालित हैं। वर्ष 2014 में केंद्र में एनडीए सरकार बनने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का क्रांतिकारी कदम उठाया। इसके लिए राष्ट्रीय स्तर पर बेटी के जन्म और उनकी शिक्षा दीक्षा को बढ़ावा देने की पहल की गई। माना जाता है कि सरकारों के इन पहल और सामाजिक स्तर पर बेटियों की स्वीकार्यता बढ़ने के कारण देश में बेटियों का जन्मदर ही नहीं बढ़ा है बल्कि पुरुषों की तुलना में अब आबादी में भी बेटियां प्रति हजार पुरुषों की तुलना में 1020 हो गई है।

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