मोकामा टाल में किसान कड़ाके की शीतलहर के वावजूद भी खुश नजर आ रहे है.हो भी क्यों न इस हाड़ कपकपाती ठंड से उन कीड़ों और कीट का प्रकोप लगभग थम सा गया है जिसके किसान न जाने कितने किट नाशक इस्तेमाल कर रहे थे पर वो समाप्त ही नहीं हो रहे थे .इतने तांड में कीट खुद व् खुद समाप्त लगे.
पौधे बढ़ने लगे है ,यदि यही ग्रोथ रहा तो तय मानिये बहुत अच्छी फसल होगी इस बार.मोकामा बहुत दाल उपजाकर देने वाला है.
हालाँकि आलू और मटर का फसल ख़राब हो रहा है ,पर मोकामा में जायदातर किसान दाल की खेती ही करते है.मसूर और चना का फसल अच्छा ग्रोथ कर रहा है.इस बार दाल की खेती में पानी की वजह से पिछात हो गया था.कुछ किसानो ने तो दुबारा भी बुआई किया था. किसान डर डर कर खेती किये थे. मगर उस समय पिछात की खेती और अभी शीतलहर दाल का अच्छा पैदावार की सम्भावना बना रहा है.
अभी मौसम एकदम अनुकूल बना हुआ है.