कृषि विशेषज्ञों की टीम ने लिया टाल क्षेत्र का जायजा।
#मोकामा। कृषि विभाग के संयुक्त सचिव उमेश कुमार मंडल, जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार, प्रखंड कृषि अधिकारी राकेश कुमार मिश्रा समेत अन्य अधिकारियों की टीम ने शनिवार को टाल क्षेत्र का जायजा लिया। इस दौरान टीम के सदस्यों ने मराची औंटा व् मोर पंचायतों के टाल के उन क्षेत्रों का निरीक्षण किया, जहां जलजमाव से बुआई नहीं हो पाई है। इन क्षेत्रों के 70 फीसद से ज्यादा भूमि परती रह गई है। अभी तक सैकड़ों एकड़ भूमि ऐसी हैं, जहां अब भी जलजमाव है। बुआई नहीं होने से किसानों के बीच निराशा व मायूसी है। उनके समक्ष रोजी रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। इसको लेकर किसानों ने धरना व भूख हड़ताल से सरकार का ध्यान आकृष्ट करने का प्रयास किया था । किसानों के अगवा अरविंद प्रसाद सिंह,प्रणव शेखर शाही, रामकुमार सिंह, पंकेश कुमार सिंह, पवन कुमार , संजय कुमार की टीम ने मुख्यमंत्री से लेकर विभागीय मंत्री व अधिकारियों का दरवाजा खटखटाया। किसानों का कहना था कि उन पर विपत्ति का पहाड़ टूट पड़ा है। वहीं इन गहराई वाले टाल क्षेत्र के भूभाग से जल निकासी का स्थायी बंदोबस्त हो। प्रगतिशील किसानों के साथ प्रखंड कार्यालय में बैठक आयोजित की गई, जिसमें किसानों के सुझाव व समस्याओं से अवगत हुए। कृषि विशेषज्ञों ने भरोसा दिलाया कि किसानों की समस्या से सरकार को अवगत कराया जाएगा। बुआई की समय सीमा समाप्त हो जाने के कारण अब दलहन व तेलहन की बुआई तो संभव नहीं है। बावजूद इन नमी वाले क्षेत्रों में वैकल्पिक फसल उगाने पर विचार किया जा रहा है। इसके लिए किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। विशेषज्ञों की टीम ने किसानों द्वारा दिए गए उन सुझावों के तहत इन भू भागों के जल निकासी के स्थायी समाधान की दिशा में स्थल का निरीक्षण किया। सरकार द्वारा भेजी गई टीम के सर्वेक्षण से प्रभावित किसानों के बीच उम्मीद की एक किरण सामने आई है।(दैनिक जागरण) ... See MoreSee Less
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आवश्यक सूचना:- विद्यार्थी गण कृपया ध्यान दें। ... See MoreSee Less
रेल लाइन के किनारे से मराँची की नीतू का शव बरामद।
मोकामा-किऊल रेलखंड के बीच बड़हिया रेलवे स्टेशन के पश्चिम पोल संख्या 438 के समीप डाउन लाइन किनारे से एक 38 वर्षीय महिला का शव रेल पुलिस ने शुक्रवार को बरामद किया। महिला की पहचान पटना जिले के मरांची थाना क्षेत्र के पचमहला ओपी अंतर्गत पचमहला निवासी संतोष की पत्नी नीतू देवी के रूप में की गई। मृतक के सर में गहरे जख्म का निशान है। मृतक की पहचान मृतक के बड़े जीजा लोहरा निवासी सुशील सिंह ने की।
सुशील सिंह बड़हिया रेलवे स्टेशन पर अपने स्वजन को रिसीव करने आए थे। रेल पुलिस हत्या एवं आत्महत्या दोनों बिदु पर जांच कर रही है। बड़हिया रेल पीपी के प्रभारी अखिलेश्वर शर्मा ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर एसआइ विजय बहादुर ने घटना स्थल पर पहुंच कर शव को बरामद किया। पुलिस पोस्ट पर मृतक के जीजा द्वारा पहचान करने बाद मृतक के मायके बेगूसराय जिले के तेघड़ा थाना क्षेत्र के बनहारा से भाई जयकृष्ण मोहन राय पहुंचे। मृतक के ससुराल पचमहला से पति संतोष कुमार सिंह या अन्य कोई नहीं पहुंचे थे। संतोष कुमार सिंह गांव में ही मोटर गैराज चलाते हैं। पीपी प्रभारी ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। स्वजनों ने अभी तक कोई आवेदन नहीं दिया है। आवेदन मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।(दैनिक जागरण) ... See MoreSee Less
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सांवला रंग और बेटी जनने पर ससुराल वालों ने जिस बहू को घर से निकाला जज बन अब वो सुनाएगी फैसला।
लोग कहते हैं न कि लड़कियां, लड़कों से कमजोर नहीं हैं- सही कहते हैं। पटना की वंदना इसका जीता-जागता उदाहरण हैं। जिस बहू को ससुरालवालों ने उसके सांवले रंग को लेकर ताने मारे और बेटी जनने पर घर से निकाल दिया, वही बहू राज्य ज्यूडिशियरी की परीक्षा पास कर जज बन गई है। ससुराल से निकाले जाने के बाद संघर्ष और मजबूत हौसले की बदौलत उड़ान भरने वाली पटना के छज्जूबाग की 34 वर्षीय वंदना मधुकर माता-पिता के साथ पूरे मोहल्ले की अब चहेती बन गई है। उसने नौकरी करते हुए बेटी को पाला और उच्चस्तर की पढ़ाई जारी रखी।
मोकामा में थीं नियोजित शिक्षक
वंदना का मायका मोकामा के राम शरण टोला में है। विवाह 2015 में पटना में हुआ। जब शादी हुई थी तो वह मोकामा में ही नियोजित शिक्षक थीं। शादी के बाद पटना आकाशवाणी में ट्रांसमिशन एक्जक्यूटिव पद संभाला। इसके बाद से घर में कलह बढ़ गई। ससुराल वाले और पति पूरी सेलरी घर में देने के लिए कहते थे।
बेटी होने के बाद छोडऩा पड़ा घर
वंदना बताती हैं कि शादी के एक साल बाद मई, 2016 में बेटी का जन्म हुआ। इसके बाद ससुराल वाले उनके सांवले रंग के साथ लड़की के जन्म के लिए ताने देने लगे। उनका कहना था कि अगली बार गर्भवती होने पर चेकअप कराना होगा और फिर लड़की हुई तो गर्भपात। प्रताडऩा से तंग आकर वंदना 20 दिन की बेटी को लेकर मायके मोकामा चली गईं।
स्वजनों का मिला पूरा सहयोग
विधि स्नातक वंदना का कहना है कि जब वह मानसिक परेशानी के दौर से गुजर रही थीं, तब उन्हें बाढ़ कोर्ट के अधिवक्ता मधुसूदन शर्मा ने जज की परीक्षा देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने तैयारी की और 29 नवंबर को बिहार की न्यायिक परीक्षा पास कर ली। वंदना अपनी उपलब्धि का श्रेय पिता किशोरी प्रसाद और माता उमा प्रसाद के साथ मधुसूदन शर्मा को देती हैं। उनका कहना है कि जज की कुर्सी पर बैठने के साथ ईमानदारी से कार्य और पीडि़तों को त्वरित न्याय देना उनकी प्राथमिकता होगी।
(दैनिक जागरण) ... See MoreSee Less